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पंजाब रोडवेज को मिल सकते हैं अवैध बसें रोकने के अधिकार, मंत्री के आदेश पर तलाशी जा रही संभावनाएं

निजी बस माफिया सरकारी बस स्टैंडों के बाहर से अपने कार्यालय खोलकर बसों का संचालन कर रहा है और ऑनलाइन बुकिंग कर रोडवेज कोई चुनौती दी जा रही है। ट्रांसपोर्ट विभाग इन पर नकेल लगा पाने में असक्षम है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 01:32 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 01:32 PM (IST)
पंजाब रोडवेज को मिल सकते हैं अवैध बसें रोकने के अधिकार, मंत्री के आदेश पर तलाशी जा रही संभावनाएं
बस माफिया पर नकेल कसना नए ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के लिए बड़ी चुनौती होगा।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। बस स्टैंड के आसपास से बस माफिया की ओर से चलाई जा रहीं अवैध बसों के संचालन पर नकेल डालने के लिए पंजाब रोडवेज को भी चेकिंग के अधिकार मिल सकते हैं। प्रदेश के नए परिवहन मंत्री राजा अमरिंदर सिंह वडिंग के आदेश पर ऐसी संभावनाओं को तलाशने की कवायद शुरू की गई है। मौजूदा समय में पंजाब रोडवेज के जनरल मैनेजर संबंधित बस स्टैंड के अंदर ही अवैध परिचालन पर रोक लगा पाने में सक्षम हैं। बस स्टैंड से बाहर सचिव, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) के पास ही बसों के परमिट, टाइमिंग एवं दस्तावेज आदि चेक करने के अधिकार हैं।

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दो दिन पहले पंजाब रोडवेज अधिकारियों के साथ हुई परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की बैठक के दौरान बस स्टैंडों के आसपास से हो रहे अवैध बसों के परिचालन पर नकेल डालने के पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान यह मसला उठा कि पंजाब रोडवेज के अधिकारी तो बस स्टैंड से बाहर चेकिंग करने के लिए अधिकृत ही नहीं है। इसके बाद परिवहन मंत्री की तरफ से बस स्टैंड के 500 मीटर की परिधि में चेकिंग के अधिकार पंजाब रोडवेज के संबंधित जनरल मैनेजर को देने के लिए विचार-विमर्श किया गया है।

पूरे पंजाब में जड़ें जमा चुका है बस माफिया

मौजूदा समय में प्रदेश भर में बस माफिया अपनी जड़ें जमा चुका है। हालात ये बन चुके हैं कि निजी बस माफिया सरकारी बस स्टैंडों के बाहर से अपने कार्यालय खोलकर बसों का संचालन कर रहा है और ऑनलाइन बुकिंग कर रोडवेज कोई चुनौती दी जा रही है। पंजाब रोडवेज जालंधर की तरफ से कुछ समय पहले करवाए के एक विशेष सर्वे के दौरान जालंधर शहर में से 5 दर्जन से ज्यादा अवैध बसों का संचालन होता पाया गया था, लेकिन मुख्यालय को सर्वे रिपोर्ट भेज दिए जाने के बावजूद भी निजी बस माफिया पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

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