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रामलीला ही नहीं, असल जिंदगी में भी सगे भाई हैं सतीश-गुलशन

शाम सहगल जालंधर बस्ती शेख में जय महावीर क्लब द्वारा करवाई जा रही रामलीला की खास बात यह ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:04 AM (IST)
रामलीला ही नहीं, असल जिंदगी में भी सगे भाई हैं सतीश-गुलशन
रामलीला ही नहीं, असल जिंदगी में भी सगे भाई हैं सतीश-गुलशन

शाम सहगल, जालंधर

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बस्ती शेख में जय महावीर क्लब द्वारा करवाई जा रही रामलीला की खास बात यह है कि इसमें हर साल प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सतीश बजाज व गुलशन बजाज असल जीवन में भी सगे भाई हैं। इतना ही नहीं हनुमान की भूमिका निभाने वाले सुनील शूर तथा रावण की भूमिका निभाने वाले राणा शूर भी आपस में सगे भाई हैं। इसके साथ ही पिछले पात्रों का मेकअप करने वाले विक्की मेहरा अपनी कला से लड़के को लड़की व लड़की को लड़का बनाने में कुछ मिनट ही लगाते हैं। आपसी प्रेम के लिए भी जाने जाते हैं 'राम-लक्ष्मण'

राम-लक्ष्मण की भूमिका अदा करने वाले सतीश बजाज व गुलशन बजाज साबुन का कारोबार करते है। बस्ती शेख में आपसी प्रेम के लिए भी जाने जाते दोनों भाई इन दिनों में अपना कारोबार भूलकर रामलीला मंचन में जुट जाते हैं। सतीश बजाज कहते हैं कि कारोबार तो वर्ष भर चलता रहता है, लेकिन यह समय अपनी संस्कृति व परंपरा को जीवित रखने का है। इसमें अपनी भूमिका अदा करते हुए वह गर्व महसूस करते हैं। वे बताते हैं कि जब से रामलीला में दोनों भाई प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण की भूमिका अदा कर रहे हैं, उनका आपसी स्नेह पहले से अधिक मजबूत हुआ है। मंच पर आमने-सामने, असल जीवन में सगे भाई

रामलीला के मंच पर एक-दूसरे के आमने-सामने होने वाले हनुमान व रावण भी असल जीवन में सगे भाई हैं। इसमें राणा शूर रावण तो उनके भाई सुनील शूर हनुमान की भूमिका अदा करते हैं। पेशे से सुनार दोनों भाई एक साथ रिहर्सल करते हैं। वह बताते हैं कि इन दिनों कारोबार से अधिक रामलीला में सफल मंचन करना चुनौतीपूर्ण होता है। नई पीढ़ी मंच पर जो देखती है, उसे जीवन में अपनाती है। ऐसे में यह बेहतर अवसर होता है, जब रामलीला के मंचन करते हुए प्रभु श्रीराम की महिमा को जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है। राणा शूर कहते हैं कि विश्व का सबसे बड़ा ब्राह्मामण रावण बनकर प्रभु श्रीराम के हाथों प्राण त्याग करने में वह गर्व महसूस करते हैं। वहीं सुनील शूर कहते हैं कि हनुमान की भूमिका में प्रभु श्रीराम का भक्त बनने का अवसर मिलता है। असल जीवन में भी वह प्रभु श्रीराम की ही भक्ति करते हैं। तीन दशक से संभाल रहे स्टोर व मेकअप का काम

रामलीला में पिछले तीन दशक से पात्रों के मेकअप करने और स्टोर संभालने वाले विक्की मेहरा ने कहा कि चंद मिनटों में ही लड़का लड़की जैसा दिखने लगता है। निजी संस्थान में नौकरी करने वाले विक्की बताते हैं कि रामलीला के बाद पात्रों के सामान की संभाल करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। इस सामान को छह माह बाद धूप लगवाकर व इसमें कीटनाशक रखकर संभालना पड़ता है। रावण से लेकर प्रभु श्रीराम बने कलाकारों का मेकअप करके मन को सुकून मिलता है।


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