इस दर्द का नहीं अंत, खुशहाली की आस में मझधार में फंसी जिंदगी, ऐसे टूटी उम्मीद
पंजाब की युवतियों ने खुशहाल जिंदगी की चाह में एनआरआइ युवकों से शादी की, लेकिन उन्होंने ऐसा धोखा दिया कि मझदार में फंस गई।
जालंधर, जेएनएन। इन युवतियाें और महिलाओं ने बेहतर आैर खुशहाल जिंदगी का सपना देखा था, लेकिन यह मझधार में फंस गई। उन्होंने अच्छी और खुशहाल जिंदगी की उम्मीद में एनअारआइ युवकों से शादी की, लेकिन उन्होंने ऐसा दर्द दे दिया कि इसका अंत नजर नहीं आ रहा। एनआरआइ युवकों ने विदेश में अच्छी जिंदगी का सपना दिखाकर कुछ दिन उनके साथ गुजारे और फिर ऐसे गए कि लौट कर नहीं आए।
एनआरआइ व्यक्तियों के हाथों ठगी गई महिलाओं का छलका दर्द
एनआरआइ पतियों के हाथों ठगी गई महिलाओं ने दर्द बयां किया। उनका कहना है, अब तो जिंदगी मझधार में अटक कर रह गई है। कहीं आने-जाने लायक तक नहीं रहे। समझ नहीं आता किसी के यहां सुहागन बनकर जाएं या फिर बिना श्रृंगार के। लोग सवाल पूछेंगे तो क्या कहेंगे? यही सोचकर जिंदगी बंद कमरे में बिताने को मजबूर हो चुके हैं। न खर्चा मिल रहा और न धोखेबाज पतियाें को सजा मिल रही। हम एक अभागन जैसी जिंदगी जी रहे हैं।
अपना दर्द बयां करतीं एनआरआइ पतियों की शिकार बनीं महिलाएं।
ये महिलाएं यहां 'अब नहीं वेलफेयर सोसायटी' की कंपनी बाग में हुई मीटिंग में पहुंची थीं। पीडि़त महिलाओं में कोई बच्चे की जिम्मेदारी अकेले दम पर उठा रही है तो किसी की ठग दूल्हों को सजा दिलाने की कोशिश में उम्र ढलती जा रही है। यही वजह है कि अब संस्था ने इस मामले में केंद्र सरकार तक पहुंचने की तैयारी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि अगर पश्चिमी देशों की तरह 'लिव इन रिलेशनशिप' में रहना जायज कर दिया गया तो उसी तरह पतियों की छोड़ी पत्नियों के लिए भी रहने व गुजारे के इंतजाम भी तो किए जाएं।
संस्था के अनुसार पंजाब में ऐसी महिलाओं की संख्या 32 हजार से ज्यादा है। उन्हें उनके परिवार समेत एक साथ लाकर आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी मांगों पर कार्रवाई का भी दबाव डाला जाएगा।
पीडि़ताओं की ये हैं मांगें
-एनआरआइ दूल्हों की ठगी और घरेलू हिंसा का शिकार बन रही महिलाओं के लिए सरकारी स्तर पर रहने का इंतजाम किया जाए।
-पीडि़तों के बच्चों के लिए मुफ्त पढ़ाई का इंतजाम किया जाए।
-ऐसे केसों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें गठित कर जल्द सुनवाई पूरी की जाए।
-ऐसे दूल्हों को विदेशों से वापस लाकर सजा दी जाए।
दर्द भरी दास्तां
'मैं यहां रो रही, पति यूक्रेन में मौज कर रहा'
'' 2009 में मेरी शादी हुई। पति यूक्रेन में रहता था। शादी के बाद वह विदेश चला गया और फिर लौटकर नहीं आया। 2015 में ससुराल परिवार ने बेदखल कर घर से निकाल दिया। कोर्ट में केस किया, वहां से मकान और 10 हजार प्रतिमाह खर्चे का आदेश हुआ, लेकिन कुछ नहीं मिला। पति को भगोड़ा करार दे दिया। पासपोर्ट इंपाउंड हो गया, लेकिन पति और इंसाफ का मेरा इंतजार खत्म नहीं हो रहा।
- सतविंदर कौर, रायकोट।
'केस दर्ज किया तो जमीन दूसरों के नाम कर दी'
''पति जर्मनी रहता था। शादी हुई, लेकिन वो विदेश गया तो लौटकर नहीं आया। मैंने केस किया तो ससुराल वालों ने पति के नाम की प्रॉपर्टी ननद व देवर के नाम कर दी। कोर्ट ने खर्चा व घर देने को कहा तो ससुराल वाले बोले कि उसके हिस्से प्रॉपर्टी ही नहीं है। नतीजा कुछ नहीं मिला।
-हरप्रीत कौर, राजपुरा।
' नौ साल की बेटी ने बाप की सूरत नहीं देखी'
'' पति कनाडा में रहता था, यह देख शादी हो गई। वो कनाडा गया तो लौटकर नहीं आया। फिर ससुराल के सारे लोग भी वहीं चले गए। बेटी 9 साल की हो चुकी है, लेकिन बाप की सूरत तक देखना उसे नसीब नहीं हुआ। अब पता चला कि उसने किसी मुस्लिम लड़की के साथ घर बसा लिया है। बेटी को अब वो नाजायज कह रहे हैं।
- सर्वजीत कौर, गुरदासपुर।
' झांसा दे खींची आपत्तिजनक फोटो, फिर वायरल कर दी'
'' पति कनाडा में रहता था। शादी के बाद वह कनाडा चला गया। फिर लौटा तो मेरे साथ कुछ आपत्तिजनक फोटो यह कहकर खींच लीं, कि वीजा लगाने के लिए चाहिए। पति चला गया तो मैं बेटे के साथ रहने लगी। बाद में रंजिश निकालने के लिए वो फोटो वायरल कर दीं। यह देख बेटे ने भी घर से निकाल दिया।
- हरविंदर कौर, जगराओं।
'10 साल के बेटे संग भटक रही'
'' पति थाईलैंड रहता था। यह देख परिवार ने शादी करवा दी। 2006 में शादी हुई और फिर बेटा पैदा हुआ। 2009 में अचानक ससुराल वालों ने मेरे पति व मुझे जायदाद से बेदखल कर दिया। पति वापस थाईलैंड चला गया और मुझे घर से निकाल दिया गया। तब से वो वापस नहीं लौटा। बेटा दस साल का हो चुका है। मैंने अदालत में केस दायर किया, लेकिन एक साल से चक्कर काट रही हूं।
- हरपिंदर कौर, लुधियाना।