किसी प्रत्याशी ने नहीं उठाया खाली पद भरने का मुद्दा
लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी रण में उतरे अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशियों में से किसी ने भी अब तक शिक्षा जगत के लिए उचित कदम उठाने का दम नहीं भरा है।
कमल किशोर, जालंधर
लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी रण में उतरे अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशियों में से किसी ने भी अब तक शिक्षा जगत के लिए उचित कदम उठाने का दम नहीं भरा है। वर्तमान में राज्य में इस समय लगभग सभी कॉलेजों में नॉन टीचिग की 60 फीसद व टीचिग स्टाफ की 40 फीसद पद खाली हैं। लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। सरकारी स्कूलों में तकरीबन 30 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली हैं। एडिड स्कूलों में शिक्षकों के पद 70 प्रतिशत खाली हैं। लायलपुर खालसा कॉलेज के प्रिसिपल डॉ. गुरपिदर सिंह समरा ने कहा कि उम्मीदवारों के प्रचार में हॉयर एजुकेशन का मुद्दा गायब है। कई वर्षो से शिक्षकों के पद खाली है लेकिन किसी उम्मीदवार ने पद भरने की बात नहीं की है। कांट्रेक्ट पर शिक्षक रखे जा रहे हैं।
डीएवी कॉलेज के प्रिसिपल डॉ. एसके अरोड़ा ने कहा कि उम्मीदवारों का शिक्षका पर ध्यान नहीं है। राज्य की हॉयर एजुकेशन पिछड़ रही है। कॉलेजों व सरकारी स्कूलों की बात करें तो 60 फीसद पद खाली हैं। किसी भी पार्टी का उम्मीदवार सत्ता में आए वे हॉयर एजुकेशन पर फोकस करे।
हंसराज महिला विद्यालय की प्रिसिपल डॉ. अजय सरीन ने कहा कि हर उम्मीदवार को हायर एजुकेशन की तरफ फोकस करना होगा। खाली पदों को जल्द भरना चाहिए। कई वर्षो से कांट्रेक्ट पर कार्य कर रहे शिक्षकों को स्थायी किया जाना चाहिए।
लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वूमेन की प्रि. डॉ. नवजोत ने कहा कि हर पार्टी का उम्मीदवार विकास की बात कर रहा है। विकास तभी होगा अगर युवा पीढ़ी पढ़ी लिखी होगी। देश बेरोजगार की सेना तैयार कर रहा है। इसलिए जरूरी है कि बेरोजगारों का रोजगार के साधन दिए जाएं।