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डीएसपी बनाने के नाम पर ठगीः एक महीने बाद भी मुख्य आरोपित नहीं आया एसआइटी के सामने

मुख्य आरोपित पुनीत की अग्रिम याचिका पर सुनवाई 15 नवंबर को है जिसका फैसला आने के बाद पुलिस अगली कार्रवाई करेगी।

By Edited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 02:20 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 01:56 PM (IST)
डीएसपी बनाने के नाम पर ठगीः एक महीने बाद भी मुख्य आरोपित नहीं आया एसआइटी के सामने
डीएसपी बनाने के नाम पर ठगीः एक महीने बाद भी मुख्य आरोपित नहीं आया एसआइटी के सामने

जालंधर, जेएनएन। तहसील कांप्लेक्स में डीड राइटर का काम करने वाले राजिंदर पाल कपूर के बेटे विंशू कपूर को सीधा डीएसपी भर्ती करवाने के नाम पर साढ़े तीन करोड़ रुपये ठगने के मामले में एक महीना गुजर जाने के बावजूद मुख्य आरोपित पुनीत एसआइटी के सामने पेश नहीं हुआ है।

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पुलिस कमिश्नर जीपीएस भुल्लर ने करीब एक महीना पहले इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी, जिसमें एडीसीपी गुरमीत सिंह किंगरा, एसीपी बिमल कांत और एसओयू के प्रभारी जसविंदर को शामिल किया गया था। इस मामले में पुलिस ने कुल 12 लोगों को नामजद किया था। इनमें मुख्य आरोपित पुनीत पुलिस की जांच में शामिल नहीं हुआ जबकि चंदन, जमशेर और जगसीर जांच में शामिल हो गए थे। बाकियों का पता पुनीत के पास था लेकिन उसने अग्रिम जमानत लगा दी थी।

अब बाकियों की पहचान के लिए पुलिस को पुनीत चाहिए। पुनीत की अग्रिम याचिका पर सुनवाई 15 नवंबर को है, जिसका फैसला आने के बाद पुलिस अगली कार्रवाई करेगी। इस मामले में एडीसीपी गुरमीत सिंह किंगरा का कहना था कि पुलिस 15 तारीख के बाद पुनीत को जांच में शामिल करवाने का प्रयास करेगी और इस मामले की तह तक पहुंचा जाएगा।

यह है मामला

तहसील कांप्लेक्स में डीड राइटर का काम करने वाले कृष्णा कालोनी, नीला महल निवासी राजिंदर पाल ने पुलिस को शिकायत दी थी कि संत नगर निवासी चंदन चोपड़ा और किशनपुरा निवासी पुनीत रल्हण उसके बेटे विंशू के साथ पढ़ते थे। 2015 को उन्होंने विंशू को बातों में लेकर सीधा डीएसपी भर्ती करवाने की बात कही। उन्होंने 2015 में उनके बेटे से 50 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद उसे दिल्ली में ले जाया गया जहां पर उसे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा कर साबित किया कि उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है। इसके बाद लगातार पैसों की मांग करते रहे और कई बार फर्जी दस्तावेज भी दिखाए।

उन्होंने कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये ले लिए। उनके गिरोह में 10 लोग और शामिल थे। इनमें से एक लड़की सपना, यूपी की भी थी जिसे भी सरकारी कर्मी बता कर उसके जरिए सारा काम करवाने की बात कही। चार साल बाद भी उनके बेटे को डीएसपी नहीं बनाया गया और न पैसे वापिस किए गए। इस पर पुलिस ने चंदन और पुनीत के साथ साथ तरुण छाबड़ा, सपना, जतिन, गौतम, विपन, अजीत, जगदीश और जस को भी नामजद कर लिया है। वहीं बठिंडा निवासी जगसीर सिंह और भार्गव कैंप निवासी शमशेर सिंह को जांच तफ्तीश में शामिल किया था।


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