इलेक्ट्रिक बसें चलाने कवायद कागजों तक सिमटी, अधिकारियों को कुछ नहीं मालूम jalandhar News
पंजाब में इलेक्ट्रॉनिक बसों के संचालन की कवायद मात्र दस्तावेज की कार्रवाई में उलझी दिखाई दे रही है। यह बसें कब चलेंगी अधिकारियों को भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। पंजाब में इलेक्ट्रॉनिक बसों के संचालन की कवायद मात्र दस्तावेज की कार्रवाई में उलझी दिखाई दे रही है। इनकी डिमांड भेजने वाले पंजाब रोडवेज के अधिकारियों को ही मालूम नहीं है कि आखिर कब तक इलेक्ट्रिक बसों का संचालन संभव हो सकता है। देश के प्रमुख शहरों में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार की फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मेन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया) स्कीम के दूसरे चरण के तहत पंजाब में भी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना है।
पंजाब रोडवेज मुख्यालय की तरफ से राज्य में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हैरानी तो इस बात की है कि पंजाब रोडवेज के डिपो से बसों की डिमांड की जानकारी मंगवाने के बाद भी बस कब, कैसे और कहां उपलब्ध होगी, के बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। वहीं इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू करने से पहले वाहनों की इलेक्ट्रिफिकेशन, बिजली की वाजिब कीमत पर उपलब्धता, चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए उपयुक्त एवं पर्याप्त जगह, पार्किग एवं अन्य इंस्टालेशन के लिए विशेष डिपो बनाने होंगे, जिसमें लंबा समय लगना है। इससे पहले एक पुख्ता होमवर्क करने जरूरत होगी।
अभी कुछ नहीं मालूम
इस संबंध में पंजाब रोडवेज के अधिकारियों ने कहा कि वह मंत्री साहिब की बैठक में चंडीगढ़ में हैं और किसी के भी पास इलेक्ट्रिक बसों के संचालन संबंधी कोई पुख्ता जानकारी फिलहाल नहीं है। काबिले जिक्र है कि पंजाब रोडवेज जालंधर की तरफ से दस इलेक्ट्रिक बसों की डिमांड मुख्यालय को भेजी थी और बताया था कि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन अमृतसर, चंडीगढ़, बटाला एवं पठानकोट के रूट्स पर किया जाना लाभदायक रहेगा।
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