जालंधर में अवैध शराब पर सख्ती का असर ठेकों की बिक्री पर नहीं आया नजर
शराब ठेकेदारों का तर्क है कि अगर अवैध शराब की बिक्री बंद हो गई होती तो शराब ठेकों पर ग्राहकों संख्या में इजाफा होता। अब भी सामान्य के मुकाबले अधिकतम 75 फीसद बिक्री हो रही है।
जालंधर, जेएनएन। पंजाब के माझा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद पंजाब सरकार की तरफ से अवैध शराब की बिक्री पर सख्ती किए जाने के दावों का असर शराब ठेकों पर होने वाली बिक्री पर नजर नहीं आया है। शराब ठेकों की बिक्री में कोई इजाफा दर्ज नहीं किया गया है। शराब ठेकेदारों का तर्क है कि अगर अवैध शराब की बिक्री बंद हो गई होती तो शराब ठेकों पर ग्राहकों संख्या में इजाफा होना लाजमी था।
जालंधर के कुछ प्रमुख शराब ठेकेदारों ने अपना नाम प्रकाशित न किए जाने की शर्त पर कहा कि बीते सप्ताह ही ठेकेदारों की निशानदेही पर जालंधर में अवैध शराब की बिक्री पकड़ी गई है। चंडीगढ़ से शराब की तस्करी कर जालंधर में लाया जा रहा था। तस्कर शराब की होम डिलीवरी तक दे रहे थे। ऐसा संभव ही नहीं है कि मात्र कुछ दिन की सख्ती के चलते अवैध शराब की बिक्री ही बंद हो गई हो।
अलबत्ता शनिवार रात से पंजाब भर में रात का कर्फ्यू लागू कर दिए जाने के बाद शराब ठेकेदारों ने कमाई में गिरावट आ जाने का दावा जरूर किया है। ठेकेदारों का कहना है कि पहले शराब के ठेके रात 10 बजे बंद किए जा रहे थे, लेकिन कर्फ्यू लागू होने के चलते शराब ठेकों को 9 बजे ही बंद करने के आदेश जारी हो चुके हैं। एक घंटा शराब ठेके पहले बंद होने का असर शराब की बिक्री पर पड़ा है। औसतन प्रत्येक शराब के ठेके पर अधिकतम 5 हजार रुपये तक की बिक्री में गिरावट आई है।
शराब ठेकेदारों ने कहा कि शराब बिक्री तो पहले ही पूर्व के मुताबिक नहीं आ सकी है और अब भी 75 फीसद के लगभग ही है, लेकिन अब रात का कर्फ्यू लागू हो जाने से बिक्री में फिर गिरावट आ रही है।
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