प्री प्राइमरी क्लासेस : प्रति स्कूल 7 बच्चों ने ही लिया दाखिला
जिले में करीब 955 सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेस शुरू की गई है, लेकिन एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी अब तक करीब 6 हजार बच्चों ने ही इन स्कूलों में दाखिला लिया है।
पूजा सिंह, जालंधर
राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेस शुरू करने की स्कीम फेल होती नजर आ रही है। आंगनबाड़ी बंद करके इन क्लासेस को शुरू करने से पहले जो आशाएं थीं, वैसा रिजल्ट नजर नहीं आ रहा। जिले में करीब 955 सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेस शुरू की गई है, लेकिन एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी अब तक करीब 6 हजार बच्चों ने ही इन स्कूलों में दाखिला लिया है।
दरअसल शिक्षा विभाग की ओर से डीईओ प्राइमरी, स्कूल मुखियों, बीपीईओ व टीचर्स की ड्यूटी लगाई गई थी कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों का दाखिला इन क्लासेस में करवाना है। लेकिन आलम ये है कि प्रति स्कूल केवल सात बच्चे ही दाखिला लिया है। यहां तक कि इन स्कूलों में एक्टिविटीज करवाने, स्टूडेंट कॉर्नर आदि खोलने के लिए पहले सरकार की ओर से जहां प्रति स्कूल 1500 रुपये दिए जाने थे, वहीं सरकार की ओर से इस अमाउंट को घटाकर 1000 रुपये कर दिया गया था। लेकिन अब तक स्कूलों को यह अमाउंट भी नहीं जारी की गई है। वहीं क्लासेस की शुरुआत होने पर विभाग ने सभी स्कूलों को वेलकम प्रोग्राम करवाने का तो निर्देश दे दिए, लेकिन सारा खर्चा स्कूल को अपनी ओर से ही करना पड़ा।
इस संबंध में स्कूल टीचर्स का कहना है कि सरकार ने प्रति स्कूल 1000 रुपये अमाउंट रखा है। इतने कम रुपये में हम कैसे किताबें, स्टूडेंट कॉर्नर, क्वालिटी के डेस्क आदि खरीद सकते हैं।
लोगों को बच्चों के दाखिले के लिए जागरूक कर रहे हैं : डीईओ
डीईओ प्राइमरी रामपाल ने कहा कि अभी तक करीब 6500 बच्चों ने दाखिला लिया है। हालांकि विभाग की ओर से अभी प्रति स्कूल हजार रुपये ग्रांट नहीं जारी की गई है, लेकिन हमने ग्रांट बनाकर उनको भेज दिया है। उम्मीद है कि एक-दो दिनों तक ग्रांट जारी कर दी जाएगी। जहां तक सवाल बच्चों की एडमिशन का है इसके लिए हम गांव-गांव जाकर दाखिले के लिए जागरूक करेंगे।