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मकसूदां ब्लास्ट के मास्टरमाइंड जाकिर मूसा के खिलाफ केस बंद करेगी एनआइए

मकसूदां पुलिस थाने में हुए बम धमाकों के मास्टरमाइंड अंसार गजावत उल हिंद के चीफ आतंकी जाकिर मूसा के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) केस बंद करेगी।

By Edited By: Published: Sat, 25 May 2019 06:19 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 11:09 AM (IST)
मकसूदां ब्लास्ट के मास्टरमाइंड जाकिर मूसा के खिलाफ केस बंद करेगी एनआइए
मकसूदां ब्लास्ट के मास्टरमाइंड जाकिर मूसा के खिलाफ केस बंद करेगी एनआइए

जेएनएन, जालंधर। मकसूदां पुलिस थाने में हुए बम धमाकों के मास्टरमाइंड अंसार गजावत उल हिंद के चीफ आतंकी जाकिर मूसा के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) केस बंद करेगी। मूसा को वीरवार को डाडसर (त्राल) में सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में मार गिराया था। ज्ञात हो कि मूसा ने पिछले साल सितंबर में मकसूदां पुलिस थाने पर हमला करवाया था। जिसकी पूरी साजिश मूसा के राइट हैंड आमिर नाजिर मीर ने रची थी। जबकि दो इंजीनियरिंग छात्रों फाजिल बशीर पिंचू व शाहिद कयूम ने दो अन्य आतंकियों रौफ अहमद मीर व उमर रमजान गाजी के साथ मिलकर थाने पर हैंड ग्रेनेड फेंके थे।

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मीर व गाजी को एक अन्य साजिशकर्ता रसिक अहमद मीर के साथ दिसंबर में एनकाउंटर में मारा जा चुका है। एनआइए ने इस मामले में आमिर नाजिर मीर को भी गिरफ्तार कर लिया था और दोनों आतंकी छात्रों पिंचू व कयूम के खिलाफ मोहली एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दायर की जा चुकी है। बाकी आतंकियों के खिलाफ केस चलता रहेगा।

छह साल से सक्रिय था मूसा

कश्मीर निवासी जाकिर मूसा चंडीगढ़ की एक यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। पहला साल पूरा करने के बाद मूसा ने पढ़ाई छोड़ दी और कश्मीर जाकर हथियार उठा लिए। वो 2013 से आतंक की दुनिया में सक्रिय हो गया। पहले वो बुरहान वानी के साथ हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा। 2017 में उसने हुर्रियत नेताओं को धमकी दी कि वो सेक्युलरिज्म की बात न करें, अन्यथा उनका सिर काटकर कश्मीर के लाल चौक पर लटका दिया जाएगा। उसके इस बयान के बाद हिजबुल ने उससे किनारा कर लिया। जिसके बाद वो अल कायदा के संपर्क में आया और अंसार गजावत उल हिंद के नाम से अलग आतंकी संगठन खड़ा कर लिया।

इलेक्ट्रोनिक गैजेट का मास्टर, कैरम चैंपियन था मूसा

मूसा के करीबियों की गिरफ्तारी के बाद एनआइए को पता चला कि वो इलेक्ट्रोनिक गैजेट चलाने का मास्टर था। हर नए गैजेट के बारे में वो पूरी जानकारी जुटाता रहता था। आइफोन व आईपोड का उसे बेहद शौक था। वह कैरम का भी चैंपियन था और दो बार उसे जम्मू एंड कश्मीर का प्रतिनिधित्व भी किया था। मूसा सितंबर 2011 में अमेरिका ड्रोन अटैक में मारे गए अनवर अल अवल्की को सुनता व पढ़ता था तथा सोशल मीडिया की पोस्ट में भी अक्सर अनवर की कही बातें लिखी होती थीं।

पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को दे रहा था हवा

मूसा पंजाब में भी बंद पड़ी खालिस्तान मूवमेंट को फिर से हवा देना चाहता था। इसके लिए वो पिछले साल पंजाब आया था। उसे अमृतसर, बठिंडा व फिरोजपुर में देखे जाने की बातें हुई थीं। पंजाब पुलिस ने इसके लिए अलर्ट भी जारी किया था लेकिन वो पकड़ में नहीं आया और तब पता चला कि वो राजस्थान के रास्ते भाग गया।

यह है मकसूदां ब्लास्ट की पूरी कहानी

मूसा की देश के सुरक्षा ठिकानों को तहस-नहस करने की योजना थी। जिसके लिए जालंधर का टारगेट चुना गया। यहां मूसा के राइट हैंड आमिर नाजिर मीर ने पूरी साजिश रची। धमाके से पांच दिन पहले सेंट सोल्जर इंस्टीट्यूट के छात्र पिंचू व शाहिद को वेरका मिल्क प्लांट के पास चार हैंड ग्रेनेड दिए गए। नौ सितंबर को हैंड ग्रेनेड दिए जाने के बाद मूसा ग्रुप के आतंकी मीर व गाजी कश्मीर से इंडिगो फ्लाइट से चंडीगढ़ आए और फिर सड़क के रास्ते जालंधर पहुंचे। 13 सितंबर 2018 को उन्होंने मकसूदां थाने की रेकी की और 14 सितंबर को शाम पौने आठ बजे थाने में ब्लास्ट कर दिया था। पुलिस केस दर्ज करने के बाद जांच एनआइए को सौंप दी गई। एनआइए ने आठ नवंबर को पिंचू व कयूम को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने माना कि आमिर नाजिर मीर व रसिक अहमद मीर ने मूसा के कहने पर यह साजिश रची थी। 22 दिसंबर को गाजी, रमजान मीर व रसीक अहमद को अवंतीपोरा में मार गिराया गया। फिर एनआइए ने आमिर नाजिर मीर को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ चार्जशीट पेश नहीं हो सकी, वहीं मूसा के मामले में अभी एनआइए की जांच जारी थी।

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