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NGT का कड़ा रुख : काला संघिया ड्रेन में गंदा पानी गिरा तो अफसरों पर लगेगा जुर्माना, सैलरी से कटेगा पैसा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मॉनिटरिंग कमेटी ने सख्त चेतावनी दी है कि अगर काला संघिया ड्रेन में गंदा पानी गिरा तो नगर निगम कौंसिलें नहरी विभाग व ग्रामीण विकास के अफसरों को जेब से जुर्माना भरना होगा। गंदे पानी की निकासी पर सरकारी विभागों पर जुर्माना होता रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 04:11 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 09:06 AM (IST)
NGT का कड़ा रुख : काला संघिया ड्रेन में गंदा पानी गिरा तो अफसरों पर लगेगा जुर्माना, सैलरी से कटेगा पैसा
एनजीटी की मॉनिटरिंग कमेटी के मेंबर संत बलबीर सिंह सीचेवाल। (फाइल फाेटाे)

जालंधर, [जगजीत सिंह सुशांत]। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की मॉनिटरिंग कमेटी ने सख्त चेतावनी दी है कि अगर काला संघिया ड्रेन में गंदा पानी गिरा तो नगर निगम, कौंसिलें, नहरी विभाग व ग्रामीण विकास के अफसरों को जेब से जुर्माना भरना होगा। ड्रेन में गंदे पानी की निकासी पर अभी तक सरकारी विभागों पर जुर्माना होता रहा है, लेकिन कमेटी ने अब आदेश दिया है कि जुर्माना अफसरों पर निजी रूप से लगाया जाएगा और उनकी सैलरी में से इसका पैसा कटेगा।

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ड्रेन में गंदे पानी की निकासी के लिए समय सीमा तय करके अल्टीमेटम दिया गया है। ड्रेन में गंदे पानी की निकासी के सभी आउटलेट एक हफ्ते में बंद करने के आदेश दिए हैं। एनजीटी की मॉनिटरिंग कमेटी के मेंबर संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि बार-बार समय सीमा तय की जा रही है, लेकिन उसके मुताबिक रिजल्ट नहीं आ रहे हैं, इसलिए अब अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। अगर काम नहीं होता है तो इसका अंजाम भी अधिकारियों को ही भुगतना पड़ेगा।

एक दिन पहले हुई मीटिंग में नगर निगम का दावा था कि कि सभी आउटलेट बंद कर दिए गए हैं। संत सीचेवाल ने कहा कि इसकी जांच पीपीसीबी के अधिकारी करेंगे और एक हफ्ते में रिपोर्ट देंगे। एनजीटी की मॉनिट¨रग कमेटी के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस जसबीर सिंह ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर काला संघिया ड्रेन में गंदे पानी की निकासी होती है तो इसे अफसरों के पर्सनल रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।

घरों से 100 प्रतिशत कूड़ा उठा कर निपटारा करना होगा

कमेटी ने नगर निगम जालंधर को आदेश दिया है कि घरों से 100 प्रतिशत कूड़ा इकट्ठा करें और इसका 100 प्रतिशत निपटारा भी होना चाहिए। इसके लिए निगम को सात लाख रुपये बैंक गारंटी 10 दिन में जमा करवाने के आदेश दिए गए हैं। यह चेतावनी दी है कि अगर 31 दिसंबर तक 100 प्रतिशत कूड़ा कलेक्शन और निपटारे का लक्ष्य पूरा नहीं होता है तो बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी। शहर में नोटिफाइड डंप के अतिरिक्त जगह-जगह लगे कूड़े के डंप पर पीपीसीबी सात दिन में एनजीटी को रिपोर्ट देगा। निगम का दावा है कि जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर खत्म कर दिए गए हैं।

637 में से सिर्फ 179 कंपोस्ट पिट्स ही बनीं

निगम ने एनजीटी को रिपोर्ट दी थी कि शहर में कूड़े से खाद बनाने के लिए 637 कंपोस्ट पिट्स बनानी है। इनमें से अभी सिर्फ 179 पिट्स ही बनी हैं। एनजीटी ने नगर निगम को काम पूरा करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। अगर तीन महीने में सभी पिट्स नहीं बनती है तो तीन लाख रुपये की बैंक गारंटी को एनजीटी जब्त कर लेगी। जो बैंक गारंटी जब्त की जाएगी, वह पर्यावरण संरक्षण पर खर्च होगी। इसके अतिरिक्त वेस्ट मटीरियल के लिए रिकवरी सेंटर के रूप में 18 शेड बनाने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया था। अभी तक सिर्फ तीन शेड ही बनी हैं। अगले तीन महीने में सभी 18 शेड बनाने के आदेश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर पांच लाख की बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी।

कस्बों व गांवों में भी लागू होंगे आदेश

एनजीटी ने नगर कौंसिलों को भी वेस्ट मैनेजमेंट और काला संघिया ड्रेन में गंदे पानी की निकासी रोकने के निर्देश दिए हैं। वेस्ट मैनेजमेंट के लिए समय सीमा तय करने के साथ-साथ बैंक गारंटी मांगी है। भोगपुर, नकोदर, फिल्लौर, करतारपुर, आदमपुर, गोराया व नूरमहल को 1-1 लाख और बिलगा, लोहिया, महितपुर व अलावलपुर को 50-50 हजार की बैंक गारंटी देनी होगी। चार सप्ताह में काम शुरू करना होगा। ऐसा न करने पर इन सभी की बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी। गांवों में एक महीने में छप्पड़ बनाने होंगे, ताकि गंदा पानी ड्रेन में न जाए।


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