नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से होगा गुणवत्ता में सुधार
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बड़े संरचनात्मक परिवर्तन किए गए हैं।
संवाद सहयोगी, नकोदर
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बड़े संरचनात्मक परिवर्तन किए गए हैं। उच्च शिक्षा में नियामक निकायों में बदलाव से अनुसंधान अध्ययन और लचीलेपन के अलावा अब और अधिक ध्यान स्वतंत्रता पर होगा। ये विचार केआरएम डीएवी कॉलेज नकोदर के आइक्यूएसी की ओर से करवाई गई तीन दिवसीय वेब-सीरीज (एनईपी 2020 उच्च शिक्षा के प्रमुख पहलू) के समापन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बेंगलुरु से शिक्षा और सामाजिक अध्ययन' के निदेशक डॉ. पद्मावती बीएस ने कहीं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा छात्र केंद्रित और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप होगी। छात्र अपनी पसंद के विषयों को चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। कई अनुशासनात्मक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रिसिपल डॉ. अनूप कुमार के नेतृत्व में करवाई गई इस वेब सीरीज के दूसरे दिन विराज कुमार, रिसर्च प्रोफेसर (दयानंद सागर विश्वविद्यालय, बेंगलुरु) ने कहा कि इस नीति में शिक्षण और सीखने में आधुनिक तकनीकों का महत्व बढ़ गया है। अनुसंधान अध्ययन में अधिक से अधिक तकनीकी ज्ञान का उपयोग किया जाएगा।
प्रिसिपल डॉ. अनूप कुमार ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से गुणवत्ता में सुधार होगा। यह भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में दक्षता को बढ़ाएगा और छात्रों के व्यक्तित्व को बढ़ाएगा। इस नीति के आगे कई चुनौतियां हैं, जिनका सामना करने के लिए हमें खुद को तैयार करना होगा। वेब सीरीज के संयोजक प्रो. (डॉ.) कमलजीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मूलभूत संरचनात्मक परिवर्तनों ने भविष्य के बारे में सोच में भारी बदलाव लाया है। यह नीति दक्षता और विकास के उद्देश्य से है, लेकिन केवल जब इसे ठीक से लागू किया जाता है तो इसके उद्देश्यों को पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा वेब-सीरीज के समन्वयक प्रो. इंदु बत्रा, प्रो. जसवीर सिंह ने भी अपने विचार रखे। अंत में प्रो. राजन कपूर ने सभी को धन्यवाद दिया।