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नापाक गठजोड़ बना पंजाब के लिए खतरा, पाक का नया पैंतरा, आतंक फैलाने को बनाई खतरनाक तिकड़ी

पंजाब में आतंकी हमले और खून खराबा के लिए पाकिस्‍तान ने आतंकियों तस्‍करों और गैंगस्‍टर्स की खतरनाक तिकड़ी बनाई है। यह नापाक गठजोड़ पंजाब के लिए खतरा बन गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 11:39 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 09:05 AM (IST)
नापाक गठजोड़ बना पंजाब के लिए खतरा, पाक का नया पैंतरा, आतंक फैलाने को बनाई खतरनाक तिकड़ी
नापाक गठजोड़ बना पंजाब के लिए खतरा, पाक का नया पैंतरा, आतंक फैलाने को बनाई खतरनाक तिकड़ी

जालंधर/अमृतसर, जेएनएन। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने इस बार पंजाब में आतंक फैलाने के लिए नया पैंतरा खेला है। अपने मंसूबों को नाकाम होते देख अब उसने खालिस्तानी आतंकियों और सीमावर्ती गांवों में रहने वाले तस्करों के साथ-साथ गैंगस्टर्स को भी साथ मिला लिया है। सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से विगत कुछ दिनों में कई आतंकी दबोचे जा चुके हैैं और एके-47 जैसी राइफलों सहित हथियार बरामद किए हैैं। गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में जिस तरह के खुलासे हो रहे हैैं उससे सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती बढ़ गई है।

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 आतंकी, तस्कर व गैंगस्टर्स के गठजोड़ से पुलिस के लिए बढ़ी चुनौती

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष व तत्कालीन उप मुख्ममंत्री सुखबीर सिंह बादल को बम धमाके में उड़ाने की साजिश अमृतसर के एक धार्मिक स्थल में बनने और उसी स्थल से खालिस्तानी मूवमेंट चलाने की बात सामने आने के बाद आतंकियों के खतरनाक मंसूबों का पता चलता है। आतंकियों द्वारा धार्मिक व सियासी नेताओं पर हमले करने की साजिश से पता चलता है कि आतंकी खतरा टला नहीं है। विगत कुछ साल में अलग-अलग धर्मों के कई नेताओं की हत्या हो चुकी है।

खुफिया एजेंसियों ने प्रदेश सरकार को अलर्ट रहने के लिए आगाह किया है। सबसे बड़ी चुनौती ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान से आए हथियार को लेकर है। कई आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद भी अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि ये हथियार कहां इस्तेमाल किए जाने थे। सुरक्षा एजेंसियां स्लीपर सेल का भी अभी तक पता नहीं लगा सकी हैैं। जैसे-जैसे कोहरा व धुंध का सीजन का आएगा सीमा पर सुरक्षा बलों के लिए चुनौती और बढ़ती जाएगी।

18 दिन, नौ आतंकी, दस एके-47

सुरक्षा एजेंसियां पिछले 18 दिन में नौ आतंकियों और तीन गैंगस्टर्स को गिरफ्तार कर चुकी हैं। उनके कब्जे से एके-47 जैसी 10 राइफलें, भारी संख्या में गोलियां, पिस्तौल और मैगजीन बरामद हुई हैैं। इस बार आइएसआइ के इशारे पर केजेडएफ (खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स) के पाकिस्तान में रह रहे रंजीत सिंह नीटा के इशारे पर हथियारों की खेप ड्रोन से भी भेजी गई है। भारत-पाक सीमा पर लगी कंटीली तार पार कर ड्रोन द्वारा हथियार लाने की बात सामने आते ही सुरक्षा एजेंसियों के पैरों तले से जमीन खिसक गई थी क्योंकि आतंक फैलाने के इस रूट पर सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान शायद ही पहले कभी गया हो। ड्रोन के माध्यम से हथियार सीमा पार से आने को लेकर सबसे बड़ी चुनौती सीमा सुरक्षा बल के लिए है।

ड्रोन से जाली करंसी भी आ रही

सीमा पार से तस्करी रोकने के लिए कोहरा और धुंध तो कुदरती चुनौतियां हैं जो प्रत्येक साल बीएसएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बनती हैं। लेकिन, मौजूदा समय में ड्रोन, स्लीपर सेल सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है। पाक ड्रोन से हथियार, बारूद व जाली करंसी भी भेजने लगा है। देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर लगाए गए राडार, लेजर वॉल इत्यादि पूरी तरह से कारगर साबित नहीं पा रहे।

कई बार बच निकलते हैैं तस्कर

स्लीपर सेल का पता लगाना पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए काफी कठिन है। नौ आतंकियों की गिरफ्तारी के बावजूद देश की कोई भी सुरक्षा एजेंसी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में बैठे किसी स्लीपर सेल का पता नहीं लगा पाई है। कोहरा प्रत्येक वर्ष बॉर्डर को अपने आगोश में ले लेता है। कंटीली तार के साथ सटे गांवों में रहने वाले तस्कर कोहरे की आड़ में सैकड़ों किलो हेरोइन बीएसएफ की नजरों से छिपाकर ठिकाने लगा देते हैं और फिर धीरे-धीरे दिल्ली के रास्ते अन्य देशों में यह पहुंचाई जाती है। सरकार ने कोहरे से निपटने के लिए जवानों को नाइट विजन डिवाइस दिए हैं जिनसे कोहरे और रात में होने वाली गतिविधियों की जानकारी मिलती है, लेकिन इसके बावजूद तस्कर कई बार पकड़ में नहीं आ रहे हैैं।

बीएसएफ की मूवमेंट भांप लेते हैैं तस्कर

सीमा पर लगी कंटीली तार कई जगहों पर काफी पुरानी हो चुकी है। जगह-जगह से टूट जाने के कारण तस्करों को इस बारे में जानकारी भी मिलती रहती है। मौका मिलते ही वह टूटी कंटीली तार की जगह वाले रास्ते से घुसपैठ और तस्करी करवाने की कोशिश करते हैैं। इसके अलावा तस्कर बीएसएफ की गश्त की मूवमेंट भी भांप लेते हैं। जवानों का काफिला जाने के बाद रास्ता सुनसान हो जाता है और रात के समय तस्कर खेप ठिकाने लगाने में कई बार सफल हो जाते हैं। कई बार मारे भी जाते हैैं।

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पिछले माह से अब तक की कार्रवाई और आतंकी गतिविधियां

- 4 सितंबर : तरनतारन में जमीन में छिपाए बम निकालते समय फट गए और दो युवकों की मौत हो गई।

- 22 सितंबर : पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा ने केजेडएफ के आतंकी आकाशदीप सिंह, होशियारपुर निवासी बलवंत सिंह उर्फ बाबा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह को गिरफ्तार किया था। फताहपुर जेल में बंद आतंकी मान सिंह को भी प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया।

- 24 सितंबर : पुलिस ने तरनतारन के झब्बाल इलाके से पाकिस्तानी क्रैश ड्रोन को बरामद किया। गैंगस्टर्स द्वारा आइएसआइ और खालिस्तानी आतंकियों से मंगवाई गई हथियारों की बड़ी खेप कंटीली तार के पास से एसटीएफ और बीएसएफ ने बरामद की।

- 25 सितंबर : जर्मनी में छिपे आतंकी गुरमीत सिंह बग्गा के भाई गुरदेव सिंह को गिरफ्तार किया।

- 26 सितंबर : केजेडएफ के आतंकी शुभदीप सिंह को काबू किया गया।

- 27 सितंबर : जर्मनी में रह रहे आतंकी गुरमीत ने वीडियो के माध्यम से पंजाब पुलिस को धमकी दी।

- 29 सितंबर : खुफिया शाखा ने ड्रोन के और अवशेष झब्बाल के पास नहर से बरामद किए।

- 1 अक्टूबर : एसटीएफ ने तीन गैंगस्टर्स को काबू किया।

- 2 अक्टूबर : खुफिया शाखा ने ड्रोन जलाने वाले साजनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया।

- 3 अक्टूबर : पकड़े गए आठ आतंकियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि आइएसआइ पंजाब में धमाके करने का षड्यंत्र रच चुकी है।

-4 अक्टूबर : खुफिया शाखा ने तरनतारन निवासी आतंकी रोमनजीत को गिरफ्तार किया।

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पकड़े गए थे 24 से ज्‍यादा आतंकी

अक्टूबर 2018 में 24 से ज्यादा आतंकियों की गिरफ्तारी की गई थी। पकड़े गए आतंकी आइएसआइ और खालिस्तानी आतंकियों के इशारे पर रेफरेंडम 20-20 का प्रचार कर रहे थे। इसके लिए बाकायदा विदेश से फंडिंग भी हुई थी।

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सरहद पर चौकसी 24 घंटे : आइजी बीएसएफ

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आइजी महिपाल सिंह यादव ने बताया कि सरहद पर 24 घंटे चौकसी है। बीएसएफ जवान  कंटीली तार के पास गश्त कर रहे हैं। घुसपैठ और तस्करी को नाकाम करने में बीएसएफ सक्षम है।

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पुलिस किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम : गिल

पुलिस कमिश्नर सुखचैन सिंह गिल का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। आतंकी हमले या किसी भी तरह की चुनौती से  निपटने में पुलिस सक्षम है। पुलिस की खुफिया शाखा चारों तरफ सक्रिय हो चुकी है।

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कई बिंदुओं पर चल रहा है काम

इंटेलिजेंस विंग के एक बड़े अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पकड़े गए आतंकियों से कई अहम इनपुट मिले हैं। देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर उन पर काम किया जा रहा है। सतर्कता के चलते ही हथियारों की खेप और आतंकियों की धरपकड़ हो सकी है।

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-10 दिन में दो बार सरहद पार से आए हथियार

-9 आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं 18 दिनों में

-3 गैंगस्टरोंं को भी काबू किया जा चुका है

-2018 अक्टूबर में दो दर्जन से ज्यादा पकड़े थे

-2020 रेफरेंडम को बढ़ावा देने में जुटे आतंकी

-2 प्रमुख आतंकी पाकिस्तान व जर्मनी में


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