NDRF की टीम ने 38 दिन बाद ढूंढ निकाला रणजीत सागर डैम में दुर्घटनाग्रस्त सेना के ध्रुव हेलीकाप्टर का मलबा
अगस्त की शुरुआत में सेना का हेलीकाप्टर रणजीत सागर डैम में समा गया था। एनडीआरएफ की टीम ने 38 दिन बाद हेलीकाप्टर का मलबा ढूंढ निकाला है। हालांकि अभी तक को पायलट का पता नहीं चल पाया है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट। रणजीत सागर बांध की झील में दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय सेना के ध्रुव हेलीकाप्टर को 38 दिन बाद निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ की टीम ने 1430 घंटे के रेस्क्यू आपरेशन के बाद इसे निकाला है। हालांकि अभी भी को-पायलट जयंत जोशी का पता नहीं चल पाया है। को-पायलट को ढूंढने के लिए सर्च आपरेशन जारी है।
आरएसडी (रणजीत सागर बांध) की झील में तीन अगस्त को सुबह 10:50 बजे बसोहली (जेएंडके) के पुरथू के निकट सेना का हेलीकाप्टर ध्रुव एमएच-4 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हेलीकाप्टर में सेना के दो अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाठ और उनके सहयोगी अधिकारी कैप्टन जयंत जोशी सवार थे। 13 दिन के सर्च अभियान के बाद 15 अगस्त देर शाम को टीम ने लेफ्टिनेंट कर्नल एएस बाठ के पार्थिव शरीर को बरामद कर लिया था। हेलीकाप्टर के अन्य हिस्सों व कैप्टन जयंत जोशी का पता लगाने में सेना, नैसेना और वायुसेना की टीमें एनडीआरएफ के साथ जुटी हुई थी।
डैम में दुर्घटनाग्रस्त धुव्र हेलीकाप्टर के मलबे को निकालती एनडीआरएफ की टीम।
वीरवार दोपहर करीब 2:30 बजे रेस्क्यू टीम ने हेलीकाप्टर के मलबे को बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। तीन अगस्त को पठानकोट के मामून कैंट से उड़ान भरकर सेना का हेलीकाप्टर हवा में गोते खाते हुए रणजीत सागर झील में समा गया था। बसाेहली क्षेत्र के चरवाहे ने देखा कि हेलीकाप्टर अचानक हवा में खोते खा रहा। इसके बाद वह झील में समा गया। चरवाहे ने किसी को झील से बाहर आते नहीं देखा। उसके बाद से ही जल सेना, थल सेना और वायु सेना के अलावा पुलिस के जवान भी हेलीकाप्टर और लापता पायलटों की तलाश कर रहे थे।
एक महीने बाद भी कैप्टन जयंत जोशी का सुराग नहीं
ध्रुव के दुर्घटना ग्रस्त होने के 13 दिन बाद 15 अगस्त को हेलीकाप्टर उड़ा रहे लेफ्टिनेंट कर्नल अभीत सिंह बाठ का शव बरामद हुआ था। अब हेलीकाप्टर का मलबा मिल गया है लेकिन अभी तको को पायलट जयंत जोशी का पता नहीं लग पाया है।
ब्लैक बाक्स मिलने से हादसे के कारणों का चलेगा पता
डीएसपी ग्रामीण रविंद सिंह व एसई हेडक्वार्टर नरेश महाजन ने बताया कि सेना ने अपने बड़े बेडों में झील के अंदर पहुंच कर क्रेनों के माध्यम से क्रैश हेलीकाप्टर को बाहर निकाल लिया है। उसका ब्लैक बाक्स भी अपने कब्जे में ले लिया है। ब्लैक बाक्स मिलने से अब यह पता चल जाएगा कि हादसे की असली वजह क्या थी।