मजीठिया पर निशाना साधने में शब्दों की मर्यादा भूले सिद्धू
पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह ने पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया एक कार्यक्रम में एक ही मंच पर थे। इस दाैरान सिद्धू ने फिर मजीठिया पर निशाना साधा।
जेएनएन, जालंधर। कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया में पैदा हुई तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही। जालंधर में आयोजित एक धार्मिक समारोह में दोनों नेता एक ही मंच पर थे। इस दौरान मजीठिया पर निशाना साधने के क्रम में सिद्धू शब्दों की मर्यादा भूल गए। समारोह में सिद्धू ने पूर्व मंत्री का नाम ड्रग तस्करी से जोड़ते हुए मजीठिया को डाकू और तस्कर कह डाला। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी नहीं छोड़ा।
सिद्धू ने आप के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी नहीं छोड़ा और कहा कि केजरीवाल पंजाब को दिल्ली में बैठकर रिमोट कंट्रोल से चलाना चाहते थे। आज उनकी हालत यह है की उन्हें लुधियाना में सिर्फ एक सीट मिली है। पंजाब के लोग उनके छलावा समझ चुके हैं, इसीलिए अब हरियाणा का रुख किया जा रहा है। सिद्धू ने प्रोफेशनल टैक्स को सरकार की मजबूरी बताया। सरकार को चलाने के लिए पैसे की जरूरत है। कई राज्य इसी तरह पैसा जुटाते हैं।
मंच पर नवजोत सिंह सिद्धू ध्यान लगाकर बैठे रहे। उन्होंने आंखें बंद करके सारा नजारा महसूस किया, जबकि बिक्रम सिंह मजीठिया अधिकतर समय मुस्कुराते रहे। दोनों नेताओं ने मंच पर लगभग डेढ़ घंटा एक साथ रहे लेकिन एक-दूसरे से दुआ-सलाम तक नहीं की और नजरें भी नहीं मिलाईं। सिद्धू व मजीठिया के ठीक पीछे पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह बैठे थे और वह दोनों नेताओं को देखकर मंद-मंद मुस्कुराते रहे।
मजीठिया बोले-बजट दोबारा छापी गई किताब
इधर, पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा की सरकार का बजट किसान, कर्मचारी, नौजवान और दलित विरोधी है। मजीठिया ने कहा कि पिछले साल वाली किताब को ही दोबारा छाप दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग नौकरी करते हैं और पहले ही टैक्स दे रहे हैं, उन पर और टैक्स का भार डालना गलत है। बजट लीक होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा की बजट एक गोपनीय दस्तावेज होता है। बजट लीक करने वालों के खिलाफ अकाली दल ने कार्रवाई की मांग की है।
बजट सत्र में हुई थी नोक-झोंक
बजट सेशन के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू व बिक्रम ङ्क्षसह मजीठिया में जबरदस्त नोक-झोंक हुई थी। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ ऐसी शब्दों तक का इस्तेमाल किया कि विधानसभा के स्पीकर को सदन की कार्यवाही से उसे हटवाना पड़ा।