Move to Jagran APP

अव्यवस्था ने बिगाड़ा सिद्धू का एजेंडा, धक्कामुक्की के माहौल में नहीं बन पाई रणनीति

जागरण संवाददाता जालंधर पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान नवजोत सिद्धू का प्रधान के रूप में जालंधर क

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 06:50 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 06:50 AM (IST)
अव्यवस्था ने बिगाड़ा सिद्धू का एजेंडा, धक्कामुक्की के माहौल में नहीं बन पाई रणनीति
अव्यवस्था ने बिगाड़ा सिद्धू का एजेंडा, धक्कामुक्की के माहौल में नहीं बन पाई रणनीति

जागरण संवाददाता, जालंधर : पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान नवजोत सिद्धू का प्रधान के रूप में जालंधर का पहला दौरा मिस मैनेजमेंट और वर्करों के जोश से अस्त-व्यस्त रहा। कांग्रेस भवन में हुए कार्यक्रम में सिद्धू की मौजूदगी के दौरान अव्यवस्था का आलम रहा। कार्यक्रम तय रूपरेखा पर नहीं चल पाया। सिद्धू जिस उद्देश्य से जालंधर आए थे, वह भी पूरा नहीं हो पाया।

loksabha election banner

कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं की भीड़ के कारण धक्कामुक्की का माहौल बना रहा। कार्यक्रम करवाने को लेकर यह स्पष्ट नहीं था कि कौन इसे मैनेज करेगा इसलिए व्यवस्था ही नहीं बन पाई। मीटिग में वर्कर नहीं बुलाए गए थे लेकिन स्थानीय स्तर पर व्यवस्था देखने वालों ने खुद ही इसे वर्कर मीट बना दिया। वर्करों को समझाकर भेजने के बजाय फोन और मैसेज करके बुलाया गया। इससे भीड़ जमा हो गई। इस कारण सिद्धू से जालंधर के नए प्रधान, चुनावी रणनीति को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हो पाई। कुछ नेताओं को विशेष रूप से फोन करके बुलाया गया था लेकिन उनको इंतजार ही करना पड़ा। भीड़ के कारण वर्करों को भी बात करने का मौका नहीं मिला और सभी को मायूस होकर लौटना पड़ा। सिद्धू ने वर्करों को संबोधित किया और कार्यक्रम समाप्त करके निकल गए। हालांकि वह विधायक बावा हैनरी के घर पर लंच करने के बाद वापस कांग्रेस भवन लौटे और कपूरथला-फगवाड़ा के कांग्रेसियों से वैसी ही मीटिग की जैसी वह जालंधर के कांग्रेस नेताओं से करना चाहते थे। परगट को हीरो-बावा को शेर बताया, रिकू की मूंछें करवाईं ऊंची

सिद्धू ने अपने अंदाज में विधायकों को साथ जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विधायक सुशील रिकू से कहा कि वह याद करें कि उनकी पहली रैली में मैं ही आया था। रिकू से बोले अब मूंछें नीचे हो गई हैं, इसे ऊपर करो। इसके बाद रिकू ने भी मुस्कराते हुए मूंछों को ऊंचा कर लिया। विधायक राजिदर बेरी से बोले कि बेरी को तो बेर खिला-खिला कर ही जिताएंगे। लाडी शेरोवालिया को शेर तो चौधरी सुरिदर सिंह को सिद्धू ने अपना भाई बताया। शहर में उनका झंडा उठाने वाले विधायक बावा हैनरी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बावा को मिट्टी का बावा ना समझना यह तो बब्बर शेर है। विधायक परगट सिंह को अपना हीरो बताते हुए कहा कि उनका परगट सिंह से इसलिए यारना है क्योंकि वह हमेशा ही टीम की बात करते हैं और सही के साथ खड़े होते हैं। ----------

नेताओं से वन टू वन मिलकर फीडबैक लेनी थी लेकिन भाषण देकर चले गए

सिद्धू ने जालंधर में दौरे के लिए जो प्लानिग की थी उस पर काम नहीं हो पाया। चंडीगढ़ से जब मीटिग के लिए फोन किए गए तो साफ कहा था कि यह लीडरशिप मीटिग है, वर्कर मीट नहीं। मीटिग में ब्लाक प्रधान, फ्रंटल आर्गेनाइजेशनों के जिला प्रमुखों, मेयर, विधायकों, पार्षदों, जिला परिषद मेंबरों और चुनिदा नेताओं से बात करनी थी लेकिन अव्यवस्था से ऐसा हो नहीं पाया। सिद्धू ने सुबह 11 बजे पहुंचना था लेकिन वह करीब 12.30 बजे पहुंचे। तब तक कांग्रेस भवन में बड़ी गिनती में कार्यकर्ता पहुंच गए थे। हालात ऐसे थे कि सिद्धू को कांग्रेस भवन के अंदर आने में भी मश्क्कत का सामना करना पड़ा। सिद्धू शेड्यूल के मुताबिक नेताओं और पदाधिकारियों से वन टू वन मिलकर फीडबैक लेना चाहते थे लेकिन कांग्रेस भवन में इसके लिए कोई इंतजाम ही नहीं किया था। सिद्धू ने जिन नेताओं को मिलने के लिए बुलाया था उनकी सूची जालंधर भेज दी थी और इन नेताओं को चंडीगढ़ से फोन करके कांग्रेस भवन पहुंचने के लिए कहा था लेकिन वर्कर की गिनती बढ़ने से पूरा कार्यक्रम वर्कर मीट बन कर रह गया। इन नेताओं ने बनाए रखी कार्यक्रम से दूरी

चेयरमैन अमरजीत सिंह समरा, चेयरमैन राजेंद्र पाल सिंह राणा रंधावा, चेयरमैन जगबीर बराड़ चेयरमैन महेंद्र सिंह केपी, चेयरमैन तेजिदर बिट्टू, प्लानिग बोर्ड के चेयरमैन मनोज अरोड़ा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष डाक्टर जसलीन सेठी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.