सिद्धू के पंजाब माडल में जालंधर के हेल्थ सेक्टर, स्पोर्ट्स और सर्जीकल इंडस्ट्री पर फोकस
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पंजाब माडल में जालंधर पर बड़ा फोकस किया है। उन्होंने मेडिकल टूरिज्म जालंधर की विश्व प्रसिद्ध खेल इंडस्ट्री और सर्जिकल इंडस्ट्री के विकास का लक्ष्य का दावा मंगलवार को जालंधर में की प्रेसवार्ता में किया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पंजाब माडल में जालंधर पर बड़ा फोकस किया है। उन्होंने मेडिकल टूरिज्म, जालंधर की विश्व प्रसिद्ध खेल इंडस्ट्री और सर्जिकल इंडस्ट्री के विकास का लक्ष्य का दावा मंगलवार को जालंधर में की प्रेसवार्ता में किया। पंजाब माडल पेश करते हुए सिद्धू ने कहा कि अगर जालंधर की खेल इंडस्ट्री, सर्जिकल इंडस्ट्री और हेल्थ सेक्टर पर ही फोकस कर लिया जाए तो जालंधर आर्थिक रूप से बेहद संपन्न होगा। युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा और उन्हें दूसरे राज्यों, देशों में जाकर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जालंधर अस्पतालों का हब है और अगर इसे ऑर्गेनाइज्ड तरीके से प्रमोट किया जाए तो विदेशों से बड़ी गिनती में लोग यहां पर इलाज करवाने आ सकते हैं। ऐसा ही स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के साथ किया जा सकता है क्योंकि जालंधर का खेल सामान पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसके लिए स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर और बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाना होगा। सर्जीकल इंडस्ट्री भी बंटवारे के समय जालंधर आई थी और यहां से पूरे देश में उपकरणों की सप्लाई होती है। ---------
:::::तीनों सेक्टर पर कांग्रेस ने इसलिए किया है फोकस::::: बांझपन, डेंटल, आयुर्वेदिक का केंद्रबिंदू है जालंधर
अस्पतालों के हब के रूप में जाना जाता जालंधर एशिया में नर्सिंग होम की क्षमता में नंबर वन है। विदेश में बसने के बावजूद पंजाबी जरूरत पड़ने पर इलाज के लिए जालंधर ही आते हैं। आईएमए जालंधर के प्रधान डा. अलोक ललवानी ने बताया कि जिला छोटे बड़े सरकारी व गैर सरकारी करीब सवा छह सौ अस्पताल है। आईएमए के विभिन्न बीमारियों के 1400 सदस्य है।आईडीए के प्रदेश सचिव डा. सचिन मेहता के अनुसार जिले में आठ सौ के करीब दंत चिकित्सक है । लोग विदेश से दांतों का इलाज करवाने के लिए पहुंचते है। नीमा के प्रधान डा. अनिल नागरथ कहते है कि आयुर्वेद में भी जालंधर अव्वल है। जिले में करीब सवा सौ साल डीएवी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज है। इंटेग्रेटिड डाक्टरों की संख्या अढ़ाई के करीब है। -----------
2300 करोड़ की खेल इंडस्ट्री की नहीं ले रहे सुध
जालंधर की खेल इंडस्ट्री में 1900 के करीब छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां है। सालाना कारोबार 2300 करोड़ रुपये का है। इस इंडस्ट्री से 20000 लोगों को रोजगार मिला है। एक समय था जब जालंधर में 70 प्रतिशत लोग इससे जुड़े थे। अब बडे़ यूनिट तो अपने दम पर तरक्की कर गए लेकिन छोटे यूनिट सरकारी सहयोग ना मिलने से तकनीकी रूप से मजबूत नहीं हो पाए। इससे रोजगार के साधन भी कम हुए हैं। स्किल सेंटर ना होने की वजह से बैडमिटन लेदर बॉल इंडस्ट्री दूसरे राज्य में शिफ्ट हो चुकी है। क्रिकेट बैट बनाने का काम काम भी जेएंडके शिफ्ट हुआ है। आतंकवाद के दौर में आधा काम मेरठ शिफ्ट हुआ।
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सर्जिकल इंडस्ट्री के लिए कंप्लेक्स तो बनाया लेकिन सुविधा नहीं
बंटवारे के समय सर्जीकल सेक्टर भी बढ़ी गिनती में जालंधर आया था। कपूरथला रोड पर सर्जिकल इंडस्ट्री के लिए कांप्लेक्स भी बनाया गया लेकिन सरकार ने इंडस्ट्री को तकनीकी रूप से मजबूत करने के लिए काम नहीं किया। इस वजह से कई छोटी इकाईयां बंद हुई हैं। आज भी दुनिया में जब सर्जिकल उपकरणों की बात होती है तो पाकिस्तान के प्रोडक्ट ही पहले नंबर पर आते हैं। जालंधर में नई तकनीक उपलब्ध करवाने की जरूरत है।