राष्ट्रीय प्रेस दिवसः फेक न्यूज या गलत सूचना की चेन को तोड़ना पत्रकारिता जगत के लिए बड़ी चुनौती
प्रो. कमलेश सिंह दुग्गल ने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को समाज के उद्देश्यों के प्रति जवाबदेह बनाना है। मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती पत्रकारिता को फेक न्यूज से बचना है।
जासं, जालंधर। मंगलवार को जीएनडीयू कालेज लाडोवाली रोड में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया। इस अवसर पर हुए कार्यक्रम में कालेज के स्पेशल ड्यूटी इंचार्ज (ओएसडी) प्रो. कमलेश सिंह दुग्गल ने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को समाज के उद्देश्यों के प्रति जवाबदेह बनाना है। बाजारवाद ने मीडिया को एक सूचना का मुख्य साधन बनाने के बजाए एक उत्पाद बना दिया है। इसके साथ- साथ उन्होंने राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाने के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश में प्रेस की स्वतंत्रता कायम करने के लिए बनाई गई प्रेस परिषद ने 16 नवंबर, 1966 को विधिवत रुप से कार्य करना शुरू किया था। इसी कारण से हर साल 16 नवंबर को नेशनल प्रेस डे के तौर पर मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि आज के समय मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती पत्रकारिता को फेक न्यूज से बचना है। पत्रकारों को इन चुनौतियों से निपटते हुए तथ्य परक एवं संतुलित पत्रकारिता करनी चाहिए, ताकि मीडिया का उद्देश्य समाज में जिंदा रहे। कालेज के पत्रकारिता विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर निधि शर्मा ने फेक न्यूज को पहचान वाले विभिन्न टूल्स के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा गलत जानकारियां हम तक फोटो, वीडियो और टेक्स्ट की शक्ल में पहुंच रही हैं।
इस समय सबसे बड़ी चुनौती फेक न्यूज या गलत जानकारियों को फैलने से रोकना है। इसके लिए इसकी चेन को तोड़ना जरूरी है। जब तक किसी संदेश के बारे में पुख्ता जानकारी न हो, उन्हें आगे फारवर्ड नहीं करना चाहिए। इसी तरह से फेक मैसेज अपनी चेन बनाते हुए एक से दूसरे के पास बढ़ते जाते हैं। इस मौके पर असिस्टेंट प्रोफेसर डा. लखबीर सिंह, डा.सतप्रीत सिंह, मंजीत सिंह, सिमरनप्रीत कौर, गुरप्रीत कौर और संदीप सिंह मौजूद थे।
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