Move to Jagran APP

दोपहर में नहीं होगी पानी की सप्लाई, निगम ने पानी की बर्बादी रोकने को उठाया कदम Jalandhar News

एनजीटी के सुझाव के बाद दोपहर को पानी की सप्लाई 90 प्रतिशत इलाकों में रोक दी है। सिर्फ उन्हीं इलाकों में दोपहर को पानी की सप्लाई की जा रही है जहां पानी की किल्लत है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 09:49 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 02:35 PM (IST)
दोपहर में नहीं होगी पानी की सप्लाई, निगम ने पानी की बर्बादी रोकने को उठाया कदम Jalandhar News
दोपहर में नहीं होगी पानी की सप्लाई, निगम ने पानी की बर्बादी रोकने को उठाया कदम Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मानिटरिंग कमेटी ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए पानी की सप्लाई कम करने को कहा है। एनजीटी के सुझाव के बाद नगर निगम ने दोपहर को की जाने वाली पानी की सप्लाई 90 प्रतिशत इलाकों में रोक दी है। सिर्फ उन्हीं इलाकों में दोपहर को पानी की सप्लाई की जा रही है, जहां पानी की किल्लत की शिकायत है।

loksabha election banner

शहर में निगम इस समय प्रति व्यक्ति करीब 300 लीटर पानी की सप्लाई कर रहा है। जबकि तय मानकों के अनुसार प्रति व्यक्ति पानी की सप्लाई 135 लीटर होनी चाहिए। निगम के एसई केसी बांसल ने कहा कि एनजीटी की डायरेक्शन मिल गई है और उसके तहत फिलहाल दोपहर की सप्लाई बंद की गई है। इससे रोजाना 50 एमएलडी यानि की करीब पांच करोड़ लीटर पानी की रोजाना बचत होगी। एसई ने कहा कि पानी की सप्लाई कम करने के लिए जोनिंग सिस्टम पर काम करेंगे। पाइप लाइन का नेटवर्क खराब है। एक ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई का एरिया तय करने से ही सप्लाई कम होगी।

उल्लेखनीय है कि एनजीटी की मॉनिटरिंग कमेटी ने जालंधर का दौरा करके सभी एसटीपी प्लांट का मुआयना किया था। सभी प्लांट पर पानी ओवरप्लो था। अगर शहर में पानी की सप्लाई ज्यादा भी की जाए तो 175 एमएलडी के प्लांट काफी हैं लेकिन पानी की बर्बादी इतनी ज्यादा है कि 235 एमएलडी के प्लांट भी कम पड़ जाते हैं। इस कारण प्लांट से गंदा पानी ही डिस्चार्ज होता है। मॉनिटरिंग कमेटी ने पानी की सप्लाई कम करने पर जोर दिया है, इससे लगातार गिरते जा रहे भू-जल स्तर को रोका जा सकेगा और साथ ही ट्रीटमेंट प्लांटों पर दबाव कम होगा और पानी साफ होकर दरियाओं में जाएगा।

कांग्रेस पार्षद कर रहे पानी की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध

पंजाब की कांग्रेस सरकार के पानी की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव का कांग्रेसी पार्षद व नेता ही विरोध कर रहे हैं। प्रेस कांफ्रेस में पार्षद गुरच्वदर सिंह बंटी नीलकंठ, सुशील कालिया, मनमोहन राजू, तरसेम सिंह लखोत्र, जगदीश दकोहा, कांग्रेस नेता परमजीत सिंह पम्मा, माइक खोसला, प्रीत खालसा, अनूप पाठक, जगजीत सिहं जीता ने कहा कि पानी की दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पानी के बिल कलेक्शन में सुधार होना चाहिए। गौर हो कि सीएम से मीटिंग में भी कई विधायकों ने पानी के बिलों में बढ़ोतरी का सुझाव दिया है। इसे लेकर विपक्ष तो विरोध कर ही रहा है लेकिन कांग्रेस नेता भी इसके समर्थन में नहीं हैं।

ये हैं पानी बर्बादी के कारण

इमारतें बनाने, पाइप लगाकर गाड़ियां धोने, पाइपों में लीकेज, खुले कनेक्शनों, वाच्शग सेंटरों में पानी की बर्बादी, आरओ द्वारा पानी की वेस्टेज। पांच मरले के घरों में पानी का बिल न आने के कारण वहां सबसे ज्यादा पानी की बर्बादी होती है।

'दैनिक जागरण' ने पानी बचाने का चलाया अभियान

'दैनिक जागरण' के अभियान का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने पानी की बर्बादी करने वालों पर जुर्माने के भी ऑर्डर जारी किए हैं। मौजूद समय में 550 टयूबवेल काम कर रहे हैं जबकि शहर में सप्लाई का नेटवर्क ठीक हो तो 350 टयूबवेल की सप्लाई ही काफी है। शहर में अधिकतम सप्लाई 175 एमएलडी होनी चाहिए, लेकिन दिन की सप्लाई बंद करने के बावजूद मौजूदा सप्लाई 290 एमएलडी के करीब है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.