टाइल्स बनाने के लिए गदईपुर में लगेगा प्लांट, एनजीटी के आदेशों पर निगम ने शुरू किया अमल
नगर निगम कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलेशन वेस्ट प्लांट गदईपुर में स्थापित कर सकता है।
जेएनएन, जालंधर : नगर निगम कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलेशन वेस्ट प्लांट गदईपुर में स्थापित कर सकता है। निगम कमिश्नर ने इसके लिए बीएंडआर डिपार्टमेंट के साथ शहर में पांच लोकेशन देखने के बाद गदईपुर इलाके को इसके लिए उपयुक्त माना है। प्लांट लगाने के लिए करीब 4 एकड़ जमीन की जरूरत है और गदईपुर में इतनी जगह नगर निगम के पास है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलेशन यानी सीएंडडी वेस्ट प्लांट लगाना जरूरी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी इसके लिए नगर निगम को आदेश दे रखे हैं। कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलेशन वेस्ट रूल्स 2016 लागू होने के बाद 6 महीने में प्लांट स्थापित करने का निर्देश था लेकिन अभी तक अधिकांश राज्यों में ऐसा नहीं हुआ है।
कंस्ट्रक्शन वेस्ट से बनेगी कई तरह की टाइल्स
जालंधर में सीएंडडी वेस्ट प्लांट के लिए जो प्लानिंग की गई है उसके तहत वेस्ट मैटीरियल को प्लांट में प्रोसेस करके कई तरह की टाइल्स बनाई जानी हैं। यह टाइल्स सड़क निर्माण, पार्कों में इस्तेमाल होंगी। कर्ब स्टोन भी तैयार किए जाएंगे। वेस्ट को चूरे में बदल कर उसमें सीमेंट मिक्स करके टाइल्स के प्लांट में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे वेस्ट रीयूज, रीसाइकिल होगी और आसानी से डिस्पोज ऑफ हो जाएगी। इससे नगर निगम का सड़क निर्माण का बजट भी ठीक होगा।
सीएंडडी वेस्ट पैदा करने वालों की जिम्मेवारी
-मलबे में किसी अन्य तरह की वेस्ट मिक्स न हो।
-महीने में 300 टन मलबा पैदा करने वालों को कंक्रीट, मिट्टी स्टील वुड और प्लास्टिक अलग रखना होगा
-प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले अथॉरिटी से मंजूरी लेनी होगी।
-मलबे को प्लांट तक पहुंचाना होगा या स्टोर करने का इंतजाम करना होगा।
-अथॉरिटी को मलबे की छंटाई, स्टोरेज, कलेक्शन, रीसाइकिल का इंतजाम करना पड़ेगा।
-मलबा इकट्ठा करने के लिए ट्रांसपोर्टेशन का इंतजाम करना होगा।
-शहर में हर दिन मलबा साफ करने की जिम्मेदारी रहेगी।
-मलबा इकट्ठा के लिए कंटेनर रखने होंगे और उन्हें समय-समय पर खाली करवाने की जिम्मेदारी इनकी रहेगी।
-वेस्ट मैनेजमेंट का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा और सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी।