जालंधर के इस इलाके में जलाई गई सबसे अधिक पराली, सैटेलाइट में कैद हुई तस्वीरें
जालंधर के लोहियां ब्लाक में 269 स्थानों में खेतों में आग लगाई गई व जालंधर पूर्वी में केवल 21 स्थानों पर धान के अवशेष जलाए गए। जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों से 17 लाख रुपये जुर्माना वसूला किया है।
जालंधर, जेएनएन। प्रशासन की सख्ती व जागरूकता फैलाने के बावजूद जिले में अब तक धान की पराली जलाने के मामले थम नहीं रहे हैं। दस नवंबर तक जिले में धान के अवशेष खेतों में जलाने के मामले में लोहियां ब्लाक सबसे आगे रहा, जबकि जालंधर पूर्वी में सबसे कम मामले देखे गए। लोहियां ब्लाक में 269 स्थानों में खेतों में आग लगाई गई व जालंधर पूर्वी में केवल 21 स्थानों पर धान के अवशेष जलाए गए। विभाग ने सैटेलाइट की मदद से खेतों में आग लगाो की तस्वीरें खींचकर ये कार्रवाई की थी। जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों से 17 लाख रुपये जुर्माना वसूला किया है।
इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार की हिदायतों पर जिला प्रशासन ने किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए जागरूकता मुहिम चलाई थी। कृषि विभाग ने सेमिनार लगाकर किसानों को पराली को खेतों में जोतकर जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने को भी प्रेरित किया था। इसके साथ ही पराली जलाने से पर्यावरण व मानवता को होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया था। इसके बावजूद जिला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक जिले में धान की कटाई का सीजन शुरू होने से लेकर 11 नवंबर तक पराली के अवशेष को आग लगाने के 1724 मामले सामने आ चुके हैं। टीमों ने पराली जलाने की इन घटनाओं की जांच-पड़ताल करने के उपरांत 1675 मामलों पर कार्रवाई कर दी है। इसमें 14 किसानों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।
उधर, प्रशासन ने सख्ती करने के भी संकेत दिए थे। इसके तहत धान के अवशेष को आग लगाने वाले किसानों की सेटेलाइट से पहचान कर जांच पड़ताल के उपरांत दोषी पाए गए किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। कई किसानों को जुर्माना लगाया गया और कई किसानों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की गई है। बता दें कि 11 नवंबर तक जिले में खेतों में अवशेष जलाने के 1675 मामले आए थे, जिनमें 619 मामलों में दोषी पाए जाने वाले किसानों को 17.20 लाख रुपये जुर्माना किया गया।