जालंधर का ट्रैफिक सिस्टम अजब... जेब्रा क्रासिंग रोड ते नहीं, बोर्ड ते!
जालंधर के अधिकतर चौक चौराहों पर राहगीरों के गुजरने के लिए जेब्रा क्रासिंग नहीं है। जहां है वहां वाहन चालक उसके पीछे नहीं खड़े होते हैं। दूसरी ओर ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जेब्रा क्रासिंग मार्क करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है।
जालंधर, जेएनएन। जालंधर में ट्रैफिक रूल्स का सिस्टम अजब है। शहर में किसी भी चौक पर जेब्रा क्रॉसिंग नहीं है। अगर कहीं है भी तो उसी के ऊपर खड़े रहकर ही ट्रैफिक लाइट ग्रीन होने का इंतजार करते हैं। इस पर राहगीरों को गुजरने का मौका नहीं दिया जाता है। ऐसा करने वाले वाहन चालकों को ट्रैफिक पुलिस भी नहीं रोकती, चालान काटने की तो बात ही दूर है।
शहर के सबसे व्यस्त रहने वाले बीएमसी चौक पर जेब्रा क्रासिंग बनी तो है लेकिन वह सड़क पर नहीं बल्कि फ्लाईओवर के पिलर पर बनी पेंटिंग्स में दर्शाई गई है। बीएसएफ चौक पर जेब्रा क्रासिंग दिखाई दी मगर यहां लोग अपने वाहन लेकर उसके ऊपर ही खड़े दिखे। उन्होंने राहगीरों के गुजरने के लिए रास्ता तक नहीं छोड़ा।
जालंधर के बीएसएफ चौक पर जेब्रा क्रासिंग पर खड़े वाहन। यह नियमों का उल्लंघन है क्योंकि जेब्रा क्रासिंग राहगीरों के सड़क पार करने के लिए होती है।
इस बारे में बात करने पर डीसीपी ट्रैफिक नरेश डोगरा ने कहा कि जेब्रा क्रासिंग चिन्हित करने का काम नगर निगम का है। ट्रैफिक पुलिस की इस संबंध में नगर निगम को चिट्ठी लिखी जा चुकी है।
दूसरी ओर, नगर निगम के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर रजनीश डोगरा ने कहा कि कुछ समय पहले चौक में जेब्रा क्रॉसिंग के लिए मार्किंग की गई थी। अब नई सड़के बन रही हैं तो दोबारा मार्किंग की जाएगी। शहर के 11 चौक दोबार तैयार किए जा रहे हैं। काम पूरा होने पर तय स्थानों पर जेब्रा क्रासिंग मार्किंग की जाएगी।
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