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Children's Day: ज्यादातर बच्चों को पता ही नहीं, क्यों मनाया जाता है बाल दिवस Jalandhar News

सर्वे में केवल 55 बच्चों को ही पता था कि बाल दिवस क्यों मनाया जाता है। 30 बच्चे ऐसे थे जो कंफ्यूज थे कि यह दिवस मनाया क्यों जाता है। 15 बच्चे तो कुछ भी नहीं बता पाए।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 10:37 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 10:37 AM (IST)
Children's Day: ज्यादातर बच्चों को पता ही नहीं, क्यों मनाया जाता है बाल दिवस Jalandhar News
Children's Day: ज्यादातर बच्चों को पता ही नहीं, क्यों मनाया जाता है बाल दिवस Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। 14 नवंबर को बाल दिवस है। इस मौके पर हर स्कूल में बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। एक विडंबना यह भी है कि तमाम बच्चों को पता ही नहीं है कि बाल दिवस क्यों मनाया जाता है। इसे स्कूलों की लापरवाही कहें या अभिभावकों में जागरूकता की कमी, वह बच्चों को बाल दिवस के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।

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दैनिक जागरण ने बाल दिवस से पहले शहर के पांचवीं से दसवीं कक्षा के 100 स्कूली बच्चों से बातचीत की और उनकी राय जानी। सर्वे में केवल 55 बच्चों को ही पता था कि बाल दिवस क्यों मनाया जाता है। 30 बच्चे ऐसे थे, जो कंफ्यूज थे कि यह दिवस मनाया क्यों जाता है। 15 बच्चे तो कुछ भी नहीं बता पाए। हैरानी तो तब हुई जब कुछ बच्चों ने यह तक कह दिया कि बाल दिवस डॉ. अब्दुल कलाम जी की याद में मनाया जाता है। कुछ बच्चों का कहना था कि बाल दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है।
 

बाल दिवस का इतिहास

बाल दिवस मनाने की शुरुआत 1925 से हुई। दुनिया के हर स्थान पर अलग-अलग तरीके से अलग-अलग तारीख पर बाल दिवस मनाया जाता है। भारत में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद उनके जन्मदिवस 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इसका कारण था कि उनका बच्चों के साथ खासा लगाव था। इस दिन देशभर के स्कूलों में बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किए जाते हैं।
 

जालंधर से जुड़ी नेहरू जी की यादें

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू दो बार कन्या महाविद्यालय आ चुके हैं। 1929 में जब लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन चल रहा था तो वहां केएमवी की 150 छात्राएं हिस्सा लेने पहुंची थीं। उस समय नेहरू जी केएमवी आए थे। उन्होंने कहा था कि जालंधर एक भाग्यशाली शहर है जहां केएमवी जैसे शिक्षण संस्थान हैं। इसके बाद साल 1954 में नेहरू जी गांधी वनिता आश्रम में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।

केएमवी में स्थापित गांधियन स्टडी सेंटर की प्रमुख डॉ. मोनिका शर्मा कहती हैं कि मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे ऐतिहासिक कॉलेज में पढ़ा रही हूं, जहां प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी आ चुके हैं। गांधियन स्टडी सेंटर में नेहरू जी व गांधी जी से जुड़ी तमाम यादें व साहित्य के बारे में पढ़ाया जाता है।

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