हाईवे की एलाइनमेंट नहीं बदल सकती, लोगों की मांग पर अतिरिक्त सुविधाएं संभव
जालंधर पानीपत सिक्स लेन हाईवे प्रोजेक्ट के डायरेक्टर कर्नल रिटायर्ड योगेश कुमार ने कहा कि हाईवे बन जाने के बावजूद मांग पर अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकती हैं।
जालंधर, जेएनएन। हाईवे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होने के बाद हाईवे की एलाइनमेंट तो नहीं बदल सकती, लेकिन अतिरिक्त सुविधाएं लेने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को रिप्रेजेंटेशन जरूर दी जा सकती है। हाईवे के ऊपर एंट्री एग्जिट लेने के लिए, फुट ओवरब्रिज बनाने के लिए, चौड़ाई बढ़ाने के लिए, फ्लाईओवर या रेलवे ओवरब्रिज आदि बनाने के लिए एनएचआई से मांग उठाई जानी संभव है। इसके लिए क्षेत्र केे लोगों को एनएचएआई को हाईवे पर ली जाने वाली अतिरिक्त सुविधा की जरूरत के संबंध में विस्तृत जानकारी देनी होगी।
अभी तक लोगों को इस बात का ही संशय था कि शायद एक बार हाईवे बन जाने के बाद उसमें कुछ बदलाव नहीं किया जा सकता। हालांकि एनएचएआई के नियमों के मुताबिक हाईवे बन जाने के बावजूद भी लोगों की सुविधा के मद्देनजर अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकती हैं। इनमें हाईवे का मूल डिजाइन तो नहीं बदला जा सकता, लेकिन अतिरिक्त निर्माण संभव है।
जालंधर पानीपत सिक्स लेन हाईवे प्रोजेक्ट के डायरेक्टर कर्नल रिटायर्ड योगेश कुमार ने कहा कि जालंधर में भी लोगों की जरूरत एवं सुविधा के मुताबिक हाईवे के ऊपर अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं और करवाई जा रही हैं। जालंधर में पीएपी रेलवे ओवरब्रिज को आठ लेन बनाया जाना भी ऐसी ही एक अतिरिक्त सुविधा में शामिल है। जब हाईवे का (डीपीआर) डिजाइन तैयार किया गया तब उसमें पीएपी रेलवे ओवरब्रिज को 8 लेन बनाए जाने का प्रावधान नहीं था, लेकिन लोगों को हो रही परेशानी के मद्देनजर रेलवे ओवरब्रिज को 8 लेन बनाने का प्रावधान किया गया और अब उस पर काम भी शुरू होनेेे जा रहा है।