कोरोना का प्रकोप कम होते ही मंकीपाक्स का मंडराने लगा खतरा
कोरोना का प्रकोप कम होते ही मंकीपाक्स का खतरा मंडराने लगा है। मंकीपाक्स 15 देशों में दस्तक दे चुका है। इन देशों से पंजाब में आने वाले लोगों से बीमारी फैलने खतरा है।
जगदीश कुमार, जालंधर
कोरोना का प्रकोप कम होते ही मंकीपाक्स का खतरा मंडराने लगा है। मंकीपाक्स 15 देशों में दस्तक दे चुका है। इन देशों से पंजाब में आने वाले लोगों से बीमारी फैलने खतरा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य का सेहत विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग ने सभी जिलों को एडवाइजरी जारी की है। जिला स्तर पर संदिग्ध मरीजों के लिए आईसोलेशन वार्ड भी बना दिया गया है। हालांकि अभी विदेश से आए लोगों की सूची प्रशासन की ओर से जारी नहीं की जा रही।
पंजाब खासकर दोआबा बेल्ट के लोग विदेश में रहते है। कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद वे पंजाब लौट भी रहे है। इस कारण दोआबा में मंकीपाक्स फैलने का खतरा ज्यादा है। हालांकि सेहत विभाग के डायरेक्टर डा. जीबी सिंह ने एडवाइजरी जारी की है लेकिन एयरपोर्ट व विदेश से आकर अपने घरों में पहुंचने वालों की स्क्रीनिग के लिए पुख्ता कदम नहीं उठाए गए। मंकीपाक्स का कोई इलाज नहीं, ये हैं लक्षण
डा. सतीश कुमार की माने तो मंकीपाक्स एक आर्थोपॉक्सवायरस है जो चेचक के समान है। यह चेचक से कम खतरनाक है। अफ्रीका के कुछ हिस्सों में ही पाया जाने वाली यह बीमारी अब इटली, स्वीडन, स्पेन, पुर्तगाल, अमेरिका, कनाडा और यूके में पहुंच गई है। मंकीपाक्स का कोई इलाज नहीं है। चेचक का टीका मंकीपाक्स को रोकने में 85 प्रतिशत कारगार साबित हुआ है। मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित जानवर के काटने से, उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, संक्रमित जानवर का मांस खाने से मंकीपाक्स हो सकता है। बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सामान्य रूप से सुस्ती इसके लक्षण है। बुखार के समय अत्यधिक खुजली वाले दाने विकसित हो सकते हैं, जो अक्सर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। कोरोना की तरह इस पर भी काबू पाएंगे : नोडल अफसर
राज्य के स्टेट नोडल अफसर डा. राजेश भास्कर का कहना है कि कोरोना की तरह इस पर काबू पाया जाएगा। फिलहाल इसका कोई मामला सामने नहीं आया। प्रभावित देशों से आने वाले लोग पिछले 21 दिन में बीमारी ग्रस्त या फिर उसके संपर्क में आने वाले लोगों के संपर्क में आने वालों को आईसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। आईएमए को भी इससे संबंधित जानकारी दी गई है। डाक्टर व स्टाफ भी तैनात कर दिया : सिविल सर्जन
सिवल सर्जन डा. रंजीत सिंह तथा सिविल अस्पताल के कार्यकारी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. गुरमीत लाल का कहना है कि विभाग के आदेशों के बाद आईसोलेशन सेंटर स्थापित कर दिया है। जिला महामारी अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी गई है। डाक्टरों व स्टाफ की तैनाती भी कर दी गई है।