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मनी लांड्रिंग में फंसे पूर्व सीएम चन्नी के भांजे को 20 अप्रैल तक भेजा जेल, चार्जशीट के बाद हुई पहली सुनवाई

ईडी ने हनी को 19 जनवरी को मनी लांड्रिंग और खनन अधिकारियों के तबादले करवाने तथा अवैध रेत खनन के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था। हनी और उसके एक मित्र के ठिकानों से दस करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई थी

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 06 Apr 2022 02:24 PM (IST)Updated: Wed, 06 Apr 2022 02:24 PM (IST)
मनी लांड्रिंग में फंसे पूर्व सीएम चन्नी के भांजे को 20 अप्रैल तक भेजा जेल, चार्जशीट के बाद हुई पहली सुनवाई
अदालत में प्रस्तुत करने के लिए पूर्व सीएम चन्नी के भांजे भूपेंद्र सिंह उर्फ हनी को ले जाते पुलिस कर्मी।

जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपेंद्र सिंह उर्फ हनी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बुधवार को जालंधर की अदालत में पेश किया। ईडी ने आगे की पूछताछ के लिए अपनी दलीलें दी। हालांकि अदालत ने हनी को 20 तक न्यायिक हिरासत में रहने के आदेश दिए हैं। बता दें कि अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों में हनी इस समय कपूरथला जेल में बंद है। 

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फरवरी में ईडी ने किया था हनी को गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने हनी को तीन और चार फरवरी को मनी लांड्रिंग और खनन अधिकारियों के तबादले करवाने तथा अवैध रेत खनन के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने 12 जनवरी को ईडी ने हनी के मोहाली स्थित घर पर छापामारी करके करीब 8 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इसके बाद हनी के एक दोस्त के पास से भी 2 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी। 

यानी हनी और उसके एक मित्र के ठिकानों से दस करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने हनी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। हनी के पास से मिले दस्तावेजों में दो लाख पेज प्रवर्तन निदेशालय की टीम को मिले थे। इनकी पड़ताल निदेशालय की टीम कर रही है।

पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे हनी के साथ अदातल परिसर में पुलिस कर्मी। 

23 मार्च को ईडी ने दाखिल की थी चार्जशीट

इससे पहले, गत 23 मार्च को निदेशालय ने चालान फाइनल कर अदालत में पेश कर दिया था। उसके बाद बुधवार को मामले को लेकर सुनवाई थी। रूपिंदर कौर की अदालत में आज सुनवाई के दौरान अदालत ने हनी को 20 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। ईडी की तरफ से पेश किए गए दस्तावेजों को अभी अदालत ने अपने पास ही सुरक्षित रखा है उनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं होने दी जा रही है।


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