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मोहिदर केपी ने खोला परगट के खिलाफ मोर्चा

आदमपुर से टिकट कटने के बाद बगावती सुर अपनाने वाले मोहिंदर सिंह केपी ने परगट सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 10:05 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 10:05 PM (IST)
मोहिदर केपी ने खोला परगट के खिलाफ मोर्चा
मोहिदर केपी ने खोला परगट के खिलाफ मोर्चा

जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर

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आदमपुर से टिकट कटने के बाद बगावती सुर अपनाने वाले पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मोहिदर सिंह केपी अब जालंधर कैंट हलके में कैबिनेट मंत्री व हलका विधायक परगट सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केपी ने कैंट में अपने समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मीटिग शुरू कर दी है। केपी की यह कोशिश है कि परगट सिंह पर लोग दबाव बनाएं कि आदमपुर से उनकी टिकट कटवाने की गलती सुधारें।

मोहिदर सिंह केपी ने वीरवार को गढ़ा इलाके में अपने समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मीटिग की। इसमें वह लोगों को इस बात के लिए तैयार कर रहे हैं कि वह विधायक परगट सिंह पर दबाव बनाएं। बता दें कि मोहिदर सिंह केपी की आदमपुर से टिकट काटकर बसपा से एक महीने पहले कांग्रेस में आए सुखविदर सिंह कोटली को दी गई है। केपी का आरोप है कि उनकी टिकट कटवाने के पीछे परगट सिंह का हाथ है। केपी पिछले पांच दिनों से इस बात के लिए दबाव बना रहे हैं कि कांग्रेस उन्हें किसी न किसी सीट से चुनाव लड़ाए। इसके लिए वह यह चेतावनी भी देते रहे हैं कि अगर उन्हें टिकट नहीं दी जाती है तो वह किसी अन्य राजनीतिक दल का दामन थाम सकते हैं। केपी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा भी बनी रही है, लेकिन वहां भी टिकट की बात नहीं बन पा रही है। गढ़ा में अपने समर्थकों के साथ मीटिग में केपी ने कैंट हलके में मौजूदा विधायक का नाम लिए बगैर लोगों से कहा कि वह अपने विधायक से जब भी मिले तो उन पर दबाव बनाएं कि अगर उनके साथ रिश्ते रखने हैं तो वह अपनी गलती का सुधार करें। यह गलती उनकी टिकट कटवाने की ही है। केपी बोले, हार-जीत नहीं सेवा मायने रखती है

गढ़ा में हुई इस मीटिग का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें केपी लोगों से कह रहे हैं कि सिर्फ चुनाव लड़ना जरूरी नहीं होता है। हार और जीत मायने नहीं रखती, लोगों की सेवा मायने रखती है। इसके लिए वह हमेशा काम करते रहेंगे। उनके घर के दरवाजे हमेशा ही लोगों के लिए खुले थे और खुले रहेंगे। कैंट सीट पर इस बार मुकाबला काफी मुश्किल है। कांग्रेस को अकाली दल के जगबीर बराड़ से कड़ी टक्कर मिल रही है। ऐसे में परगट सिंह के लिए केपी नई मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। कैंट का 50 प्रतिशत इलाका केपी का चुनावी क्षेत्र रहा है

मोहिदर सिंह केपी कैंट हलके में काफी प्रभाव रखते हैं। साल 2007 तक कैंट विधानसभा हलके का एक बड़ा एरिया केपी के चुनावी क्षेत्र का हिस्सा रहा है। इसमें शहरी क्षेत्र के मौजूदा 11 वार्ड का इलाका और गांव फोलड़ीवाल तक के कई गांव शामिल थे। इन सभी इलाकों में केपी का बड़ा प्रभाव है और खास तौर पर मिट्ठापुर, जहां मोहिदर सिंह केपी और परगट सिंह दोनों ही जन्मे और पले-बढ़े हैं। यहां पर खींचतान बढ़ेगी, क्योंकि दोनों का यह पैतृक इलाका है। यह इलाके जब तक केपी के निर्वाचन क्षेत्र में थे, तब तक वह काफी मजबूत थे, लेकिन नई सीट जालंधर वेस्ट से यह इलाके काटने से वह कमजोर हुए।


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