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क्रिकेट सट्टेबाजी मामले में छानबीन के लिए जालंधर पहुंची मोहाली पुलिस

बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी का खुलासा होने के बाद अब इससे जुड़ी आपराधिक गतिविधियों की परतें खुलने लगी हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 01:25 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 01:25 AM (IST)
क्रिकेट सट्टेबाजी मामले में छानबीन के लिए जालंधर पहुंची मोहाली पुलिस
क्रिकेट सट्टेबाजी मामले में छानबीन के लिए जालंधर पहुंची मोहाली पुलिस

जागरण संवाददाता, मोहाली : गांव स्वाड़ा में श्रीलंका के फर्जी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कर बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी का खुलासा होने के बाद अब इससे जुड़ी आपराधिक गतिविधियों की परतें खुलने लगी हैं। मामले में पुलिस टीम ने जालंधर व दिल्ली में दबिश दी है। ऑनलाइन ऑर्डर देकर जालंधर से जिस स्थान से मैच में खेलने वाले खिलाडि़यों की ड्रेस मंगवाई गई थी, वहां जांच के लिए पुलिस टीम भेजी गई है। हालांकि ताजा कार्रवाई को लेकर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्रिकेट में सट्टेबाजी करने वाले बुकी दिल्ली के पटेल नगर निवासी राहुल, दिल्ली के ही संदीप जैन और कल्लू जैन के ठिकानों पर भी छापामारी की गई है।

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आरोपितों से पुलिस को जो दो लैपटॉप मिले हैं, उसमें पुलिस को कुछ विदेशों में बैठे बुकी के भी एड्रेस व फोन नंबर मिले हैं। वहीं आरोपितों से मिले सात मोबाइल फोन में चल रहे सिम के पिछले तीन महीनों का सारा डंप उठाया गया है। साइबर विग की एक अलग टीम इसकी जांच करने में जुटी है।

सट्टा लगाने के लिए फोन पर कोड वर्ड का प्रयोग

पुलिस सूत्रों के अनुसार बुकी सट्टा लगाते समय कोड वर्ड में बात करते थे। इसमें अलग-अलग तरह से प्लेयर्स के अलावा ओवर, कैच आउट और विकेट के लिए कोड वर्ड का प्रयोग होता थ। उदाहरण के तौर पर यदि ओवर के दौरान लगने वाले सट्टे में अगर 6-12 बोला जाए तो उसका मतलब होता था कि 6 बॉल में 12 रन बनेंगे या नहीं। खिलाड़ियों के नाम पर सट्टा फिक्स होता था। इसमें बताया जाता था कि एक खिलाड़ी एक निश्चित रन बना पाएगा या नहीं। उस टारगेट के अनुमान के आधार पर पैसा लगाने वाले को बढ़कर रकम मिलती थी। टारगेट से नीचे रहने वाले को रकम देनी पड़ती थी। इसी तरह रनों का टारगेट बुकी फिक्स करता था।

पहले दो ओवर के बाद शुरू होता था सट्टेबाजी का सिलसिला

सूत्रों के अनुसार बुकी पहले दो ओवरों में सट्टा नहीं लगाते। पहले दो ओवर बुकी मैच पर नजर रखते हैं। दो ओवरों के दौरान मैच की रफ्तार व बॉलिग या बैटिग का प्रभाव देखकर सट्टा ओपन किया जाता है। किसी नए बुकी को पैसा लगाने के लिए पहले उसका रेफरेंस देना पड़ता है, जिसका डिब्बा (सट्टे में खोला गया अकाउंट) पहले से खुला हो। सट्टे की दुनिया में इसका कोड वर्ड डिब्बा रखा गया है।


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