ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल जरूरी लेकिन अधिकतम इस्तेमाल से गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा
डीएवी कॉलेज के एनएसएस रेड रिबन क्लब व पत्रकारिता जनसंचार विभाग द्वारा करवाए वेबिनार में पिम्स के ईएनटी विभाग के अध्य्क्ष डॉ. हरविंदर कुमार ने मोबाइल के अधिकतम प्रयोग के नुकसान बताए।
जालंधर, जेएनएन। डीएवी कॉलेज के एनएसएस, रेड रिबन क्लब व पत्रकारिता जनसंचार विभाग ने संयुक्त रूप से पिम्स अस्पताल के सहयोग से मोबाइल से होनी वाली खतरनाक बीमारियों पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में पिम्स के ईएनटी विभाग के अध्य्क्ष व प्रोफेसर डॉ. हरविंदर कुमार शामिल हुए।
उन्होंने विद्यार्थियों को मोबाइल फोन से होनी वाली खतरनाक बीमारियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं, हम इनके बिना अपने जीवन को सोच भी नहीं सकते। लेकिन इसके अधिकतम इस्तेमाल के कई नुकसान भी हैं, जिससे हमें कई गंभीर बीमारियां जैसे कि कैंसर, कम सुनाई देने, चमड़ी के रोग, याददाश्त कम होना, आंखों की रोशनी कम होना व हार्ट अटैक आदि हो सकती है।
उन्होंने बताया कि हर समय मोबाइल साथ रखना ज्यादा खतरनाक होता है। इसे सिर के पास रखकर सोना तो सबसे ज्यादा हानिकारक होता है। इससे याददाश्त जाने का खतरा रहता है और चिड़चिड़ापन होने लगता है। दिमाग में द्रव्य की मात्रा ज्यादा होती है और मोबाइल की रेडिएशन इस द्रव्य की मात्रा को असंतुलित करती है जिससे बीमारियां होती है। मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी से डीएनए के नष्ट होने का खतरा हो सकता है। घर पर फोन सुनते समय हमें हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा का निवारण किया। प्रिंसिपल डॉ. एसके अरोड़ा ने कहा कि आज कोविड के कारण ऑनलाइन पढ़ाई का महत्व बढ़ गया है। इसलिए विद्यार्थियों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसलिए इन वेबिनार के माध्यम से उन्हें यह जानकारी प्राप्त होगी कि कैसे वो सुरक्षित तरीके से अपने मोबाइल का इस्तेमाल करें। जिससे वो गंभीर बीमारियों से बच सकें।
प्रो. एसके मिड्ढा, पत्रकारिता व जनसंचार विभाग की अध्यक्षा प्रो. मीनाक्षी मोहन ने डॉ. हरविंदर कुमार का विद्यार्थियों को अपना बहुमूल्य समय देने व मोबाइल फोन का सही उपयोग करने, उससे होने वाली गंभीर बीमारियों से बचने की महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए उनका धन्यवाद व्यक्त किया। इस वेबिनार में पीआरओ प्रो. ज्योति वर्धन महाजन तथा एनएसएस, रेड रिबन क्लब व पत्रकारिता व जनसंचार विभाग के विद्यार्थी भी शामिल रहे।