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Punjab New Cabinet: मंत्री बनने की दौड़ में आगे निकले गिलजियां, सुंदर शाम अरोड़ा का कटा पत्ता

Punjab CM New Cabinet पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कैबिनेट में उड़मुड़ के विधायक संगत सिंह गिलजियां मंत्री बनते नजर आ रहे हैं। वहीं होशियारपुर के विधायक सुंदर शाम अरोड़ा को कैप्टन का करीबी होने की कीमत चुकानी पड़ी है। उनका पत्ता कट गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 12:52 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 04:18 PM (IST)
Punjab New Cabinet: मंत्री बनने की दौड़ में आगे निकले गिलजियां, सुंदर शाम अरोड़ा का कटा पत्ता
विधायक संगत सिंह गिलजियां और सुंदर शाम अरोड़ा।

हजारी लाल, होशियारपुर। Punjab Cabinet Minister अपने बलबूते पर सियासी जमीन तैयार करने वाले उड़मुड़ से कांग्रेस विधायक संगत सिंह गिलजियां आखिरकार कैबिनेट मंत्री बनने की दौड़ में आगे निकल गए। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव के बाद कैबिनेट के विस्तार में होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुंदर शाम अरोड़ा और उड़मुड़ से विधायक संगत सिंह गिलजियां में मंत्री बनाने को लेकर रस्साकशी हुई थी। तब हाईकमान ने हिंदू कोटे से सुंदर शाम अरोड़ा के नाम पर मंत्री की मुहर लगाई थी।

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मंत्री का पद न मिलने से गिलजियां, उस समय अंदरखाते पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज हो गए थे। उनकी नाराजगी खुले तौर पर भी झलकती थी। कुछ समय बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गिलजियां को अपना राजनीतिक सलाहकार बनाकर उन्हें पावरफुल बनाने की कोशिश की थी। हालांकि कहीं न कहीं पर गिलजियां के अंदर नाराजगी थी। राजनीतिज्ञों का मानना है कि यही कारण रहा कि जब नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला तो गिलजियां भी सिद्धू के पाले में चले गए। कहीं न कहीं पर सिद्धू को राजनीतिक 'सिक्सर' मारने के लिए गिलजियां भी राजनीतिक भागीदारी निभाते रहे। सिद्धू जब पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान बने तो उन्होंने उसका इनाम देते हुए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यवाहक प्रधान बनाया। इससे गिलजियां का राजनीतिक कद ऊंचा हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुख्यमंत्री की कुर्सी हिलाने की लड़ाई में गिलजियां ने नवजोत सिंह सिद्धू का पूरा साथ दिया। इसलिए नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कैबिनेट में संगत सिंह गिलजियां को कैबिनेट मंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई। गिलजियां को कैबिनेट मंत्री बनाकर हाईकमान ने ओबीसी कोटे पर निशाना साधा है।

विधायक संगत सिंह गिलजियां का प्रोफाइल

संगत सिंह गिलजियां ने वर्ष 2002 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था, लेकिन हार गए थे। इसके बाद सन 2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हाईकमान ने इनकी टिकट काट कर सुपिंदर कौर चीमा को मैदान में उतारा था। इस पर गिलजियां ने आजाद चुनाव लड़ा था और बड़े मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। सरकार अकाली-भाजपा गठबंधन की बनी थी लेकिन गिलजियां का मोह कांग्रेस के प्रति ही रहा। इनकी वफादारी को देखते हुए हाईकमान ने वर्ष 2012 के चुनाव में उड़मुड़ से उन्हें चुनाव लड़ाया। और उन्होंने शानदार जीत हासिल की। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस की टिकट पर तीसरी बार चुनाव जीते।

इसीलिए कटा अरोड़ा का पत्ता

राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जब मुख्यमंत्री थे तो सुंदर शाम अरोड़ा उनके बेहद करीबी थे। कैबिनेट विस्तार में उस समय मुख्यमंत्री ने अरोड़ा को मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। कांग्रेस हाईकमान भी श्री अरोड़ा के पक्ष में था। बदली परिस्थितियों में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी। कैप्टन से नजदीकियां होने की वजह से अरोड़ा को भी मंत्री पद खोना पड़ा। हाईकमान चाहता था कि अरोड़ा कैबिनेट मंत्री बने रहें, लेकिन नवजोत सिद्धू नहीं माने।

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