शहरनामाः डिफाल्टरों की लिस्ट में मंत्री का नाम, पहले भेजा नोटिस.. फिर मांगी माफी
केंद्रीय राज्यमंत्री को नोटिस मिलते ही हंगामा हो गया। खैर सचिव ने मोर्चा संभाला और माफी मांगी कि गलती से नोटिस चला गया था।
जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। शहर के सबसे प्रतिष्ठित जिमखाना क्लब के बीते साल हुए चुनाव में जमकर सियासत हुई थी। नई कार्यकारिणी के गठन के बाद कई तरह के दावे किए गए। अपने दावों और वादों पर खरा उतरने के लिए नई टीम ने खजाना देखे बिना क्लब में ताबड़तोड़ विकास कार्य शुरू करवा दिए। फिर क्या था, पैसे का अकाल पड़ गया। ऐसे में क्लब प्रशासन ने पैसा इकट्ठा करने के लिए डिफाल्टरों की सूची तैयार करवाई। चार हजार से ज्यादा सदस्यों वाले क्लब के डिफाल्टरों की लिस्ट में शहर के कई प्रभावशालियों के नाम शामिल हो गए। अब समस्या यह थी कि इनसे वसूली तो करे तो करे कौन। ऐसे में सभी को नोटिस भेज दिया गया। लिस्ट में केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर का नाम भी शामिल था। अनुराग ठाकुर को नोटिस मिलते ही हंगामा हो गया। खैर सचिव ने मोर्चा संभाला और माफी मांगी कि गलती से नोटिस चला गया था।
पर्चा दर्ज करवाते खुद फंसे
शहर की सबसे बड़ी समस्या पीएपी चौक फ्लाईओवर पर रैंप ना होने की है। इस पर सियासत तेज होती जा रही है। जब फ्लाईओवर का गलत निर्माण हो रहा था तब सब चुप्पी साधे बैठे रहे। अब लोगों को तकलीफ हुई तो नेता भी जागे। उन्नीस फरवरी को कांग्रेस विधायक राजिंदर बेरी ने रैंप के निर्माण की मांग को लेकर समर्थकों व लोगों के साथ पीएपी फ्लाईओवर पर धरना दिया। बेरी के हाथ बड़ा मुद्दा लगते ही उनके विरोधियों में खलबली मच गई। विरोधियों ने बेरी को कानूनी दावपेंच में उलझाने के लिए दवाब बना उनपर नेशनल हाईवे जाम को लेकर पर्चा दर्ज करवाने के आदेश जारी करवा दिए। अब विधायक जी सकते में हैं। धरने में खुद गलत निर्माण करने वाले अधिकारियों पर पर्चा दर्ज करने की मांग कर रहे थे, अब पर्चा उनपर दर्ज होने लगा है। देखना है अब बेरी अपनी गर्दन व साख कैसे बचाते हैं।
घर लुटने के बाद जागे मुखिया
नगर निगम में कुछ भी सही नहीं चल रहा है। मेयर जगदीश राजा दो साल से विधायकों, सांसद और अफसरों के आगे शहर के विकास को लेकर गिड़गिड़ा रहे हैं। इसके बावजूद उनकी किसी ने नहीं सुनी। दो बार मुख्यमंत्री के दरबार में भी राजा ने हाजिरी लगा खुलकर जालंधर के हालातों को बयां किया। लेकिन सुनवाई वहां भी नहीं हुई। बेचारे थक हार कर अब अपनी लड़ाई खुद ही लडऩे का मन बना बैठे हैं। मुलाजिमों की हड़ताल के बाद मौका भी मिल गया और निगम यूनियन से सीधा पंगा भी ले लिया। कांग्रेसी मजा ले रहे थे कि हमेशा की तरह इस बार भी किरकिरी होगी। राजा के अडऩे के बाद अब माहौल उनके पक्ष में बनने लगा है तो बाकी कांग्रेसी उनके साथ आने शुरू हो गए हैं। जल्द ही पता चलेगा कि घर लुटा कर जागे राजा के हाथ इस बार जीत लगती है या हार।
दौरे का उत्साह मायूसी में बदला
मामला प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ के दौरे से जुड़ा है। लंबे समय बाद सुनील जाखड़ ने जालंधर का दौरा किया। जाखड़ पूर्व विधायक राजकुमार गुप्ता के निधन के बाद उनकी शोकसभा में शामिल होने के लिए आए थे। उनकी कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारियों या यूं कहें कि कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें भी तय थीं। कार्यकर्ता इसलिए क्यों कि पिछले दिनों पार्टी ने सभी कार्यकारिणियां भंग कर दी थी। इसके बाद अचानक रातों रात कई कांग्रेस पदाधिकारियों की कुुर्सी छिन गई, और सियासत में एक बार फिर सभी सड़क पर आ गए थे। ऐसे में जाखड़ के दौरे को लेकर कांग्रेसियों में उत्साह और उम्मीद थी कि प्रदेश प्रधान लंबे समय बाद आ रहे हैं तो उनका दर्द जानेंगे और कुर्सी छिनने के बाद मिले जख्म पर मरहम भी लगाएंगे। लेकिन महोदय आए और बिना हाल जाने ही निकल लिए। इसके बाद से दर्जनों पूर्व कांग्रेस पदाधिकारियों में मायूसी है।