60 किलोमीटर पैदल चलकर आए श्रमिक, स्टेशन पहुंच पता चला आज कोई ट्रेन नहीं जाएगी
दसूहा से पैदल चलकर आए खुशीलाल भारदा और धर्मा का कहना है कि गांव पहुंचे जानकारों से पता चला कि जालंधर से ट्रेनें चल रही हैं पर यहां कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है।
जालंधर, जेएनएन। सिटी रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को कोई भी ट्रेन नहीं चलाई गई और ना ही इसे लेकर किसी शेड्यूल की घोषणा की गई थी। फिर भी सुबह 6 बजे से श्रमिक पहले बल्ले बल्ले फार्म और बाद में स्टेशन जुटने शुरू हो गए थे। वे लगातार मौके पर मौजूद लोगों से ट्रेन के बारे में पूछताछ कर रहे थे पर उन्हें कोई भी नहीं बता पा रहा था ट्रेन आज चलेगी या नहीं। यही कारण है कि मंगलवार को 100 से ज्यादा श्रमिक स्टेशन के सामने इधर-उधर धूप से बचने के लिए बैठे हुए हैं। अगली ट्रेन कब जाएगी, इस बात से बेखबर उनका मकसद है कि जब पता चले ट्रेन चलनी है तो वह सबसे आगे पहुंच जाएं और यहां से अपने गांव के लिए निकल पड़े।
बिना रजिस्ट्रेशन पहुंचे
स्टेशन के बाहर झुकने वाले अधिकतर श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया है। दसूहा से पैदल चलकर आए खुशीलाल भारदा और धर्मा का कहना है कि गांव पहुंचे जानकारों से पता चला कि जालंधर से ट्रेनें चल रही हैं, वहां चला जाए। वहां किसी ना किसी तरह से उन्हें ट्रेन में बैठा दिया जाएगा। अब यहां पहुंचने पर तो कोई भी उन्हें ट्रेन चलने संबंधी जानकारी नहीं दे रहा है। वे बिहार जाना चाहते हैं। 2 महीने पूरा कामकाज बंद रहा और फैक्ट्री से भी उन्हें किसी की मदद नहीं मिली। इसलिए अब तो बस किसी तरह से गांव लौटना चाहते हैं।
इसी तरह, फगवाड़ा से पैदल चलकर आए गौरी यादव कहते हैं कि उन्होंने लुधियाना और जालंधर से गांव लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। मगर किस्मत खराब यह रही कि दोनों जगह से सोमवार को ही ट्रेन पकड़ने के लिए बुलाया गया। जालंधर नजदीक लगा तो वह जालंधर की तरफ ही पैदल निकल पड़े मगर समय पर पहुंच न पाने की वजह से वे ट्रेन पर सफर नहीं कर पाए।
रिफंड पाने को यात्री भूले शारीरिक दूरी
जालंधरः मंगलवार को सिटी रेलवे स्टेशन पर आरक्षण केंद्र के मुख्य द्वार के बाहर भीड़ लगाकर खड़े हुए लोगों को शारीरिक दूरी का भी ध्यान नहीं है।
सिटी रेलवे स्टेशन पर कोविड-19 की वजह से रद हुई ट्रेन टिकटों का रिफंड पाने के लिए काउंटर खोल दिया गया है। ऐसे में यात्री बड़ी तादाद में स्टेशन पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। इस दौरान वे कोरोना वायरस से बचने के लिए शारीरिक दूरी का मतलब भूलते जा रहे हैं। स्टेशन के रिजर्वेशन केंद्र के मुख्य गेट पर ही भीड़ जमा हो जाती है। बता दें कि काउंटर पर सोमवार को 340 टिकटें रद करके यात्रियों को 1.90 लाख रुपये रिफंड के तौर लौटाए गए। नकदी की कमी की वजह से 5000 रुपये या इससे अधिक रिफंड वाले लोगों को टिकट का पीएनआर नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज कर वापस भेज दिया गया।