सीएम के साथ बैठक में परगट ने सिद्धू को बचाया, हैनरी ने की अपने ट्रांसपोर्ट कारोबार की बात
सीएम अमरिंदर सिंह के बैठक में विधायक हैनरी, परगट सिंह व बेरी ने कूड़ा, टूटी सड़कें, सीवरेज और लावारिस कुत्तों जैसी गंभीर समस्याओं की तरफ मुख्यमंत्री का ध्यान ही नहीं दिलाया।
जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। वीरवार को चंडीगढ़ में कांग्रेसी विधायकों व मुख्यमंत्री की हुई बैठक में शहर के चारों विधायकों ने शहर के विकास के एजेंडा की बजाय अपने एजेंडा पर काम किया। हैनरी, परगट सिंह व बेरी ने बैठक में शहर की सबसे बड़ी समस्या कूड़ा, टूटी सड़कें, सीवरेज और लावारिस कुत्तों जैसी गंभीर समस्याओं की तरफ मुख्यमंत्री का ध्यान ही नहीं दिलाया। कांग्रेसियों की आपसी सियासत व खींचतान के बीच इस बैठक का जालंधर को कोई फायदा नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीते वीरवार को दोआबा के कांग्रेसी विधायकों की समस्याओं को सुनने के लिए चंडीगढ़ में बुलाया था। बैठक में जालंधर शहर के चारों विधायक राजिंदर बेरी, बावा हैनरी, परगट सिंह और सुशील रिंकू शामिल थे। इनमें से किसी ने भी न तो अपने हलकों की प्रमुख समस्याओं को तरजीह दी और न ही शहर की। जालंधर में आज सभी विधायक यह मानते हैं कि सबसे बड़ी समस्या कूड़ा व आवारा कुत्ते तथा टूटी सड़कें हैं। इसके बाद भी ये तीनों मुद्दे बैठक से गायब रहे और कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में भ्रष्टाचार की चाशनी में लिपट कर रह गए।
कैंट हलका
कैंट हलके में जमशेर डेयरी कांप्लेक्स से लेकर सीवरेज जाम व अवैध निर्माण, टूटी सड़कों के ऐसे मुद्दे हैं जिनका हल परगट सिंह अपनी दूसरी पारी में भी अभी तक नहीं निकाल पाए हैं। ये मुद्दे बैठक में उठाए जाते तो कैंट हलके की समस्याएं भी मुख्यमंत्री कैप्टन की जानकारी में आतीं। सियासी पंडितों का मानना है कि परगट ने बैठक में निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के एजेंडा पर ही काम किया।
जालंधर वेस्ट
वेस्ट हलके में भी समस्याओं की भरमार है। लड़कियों का कॉलेज खुलवाने व टूटी सड़कों की समस्या बैठक में रखी ही नहीं गई। अपने सियासी आका के पक्ष में रिंकू ने भी बैठक में उन्हीं के एजेंडे पर काम किया। वन टाइम सेटलमेंट जैसी पॉलिसियों की कमी गिनाकर सिद्धू को कटघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सभी जानते हैं कि अवैध निर्माणों की सियासत पर सिद्धू व रिंकू आमने-सामने हैं।
जालंधर सेंट्रल
सेंट्रल हलका भी समस्याओं से भरा पड़ा है। यहां भी कूड़ा, टूटा सड़कें, अच्छे पार्कों की कमी जैसी समस्याएं मुंह खोले खड़ी हैं। इन पर फोकस करने की बजाय राजिंदर बेरी ने केवल जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के काम को सुविधा सेंटर से वापस लेकर नगर निगम पर बोझ बढ़ाने की बात रखी। इलाके की असल समस्या पर उन्होंने कोई चर्चा तक नहीं की।
जालंधर नॉर्थ
नार्थ हलके से जूनियर हैनरी ने भी बैठक में अपने ही एजेंडे पर काम किया। ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के हित में डीजल और पेट्रोल के रेट हरियाणा के बराबर करने का एजेंडा रखा। उन्होंने भी शहर की समस्याओं को कोई तवज्जो नहीं दी।
पूर्व मेयर ज्योति बोले, राजा गद्दी छोड़ें
जालंधर : पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने कहा है कि कांग्रेसी विधायक परगट सिंह के कमजोर बताए जाने के बाद मेयर जगदीश राजा को इस्तीफा दे देना चाहिए। ज्योति ने कहा कि विधायक ने मेयर को कमजोर बताया है और साफ कहा है कि इससे नुकसान होगा। ज्योति ने कहा है कि विधायक परगट सिंह से पहले वेस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू ने भी मेयर जगदीश राजा के लिए ऐसा ही कहा था। अब राजा को अपनी ही पार्टी के दो विधायकों के विरोध के बाद अपना पद छोड़ देना चाहिए।
ज्योति ने कहा कि राजा 10 साल तक लोगों को गलत मुद्दों पर गुमराह करते रहे हैं। इन मुद्दों पर वह अब बात भी नहीं करते। विधायक परगट ने सीएम अमरिंदर सिंह के सामने जो आरोप लगाए हैं उससे साफ है कि अगर कमजोर मेयर रहेगा तो शहर का नुकसान ही होगा। मेयर बताएं कि 1 साल में उन्होंने क्या काम किया है। नहीं तो भाजपा बताएगी कि उन्होंने कौन से काम किए थे और कांग्रेसी मेयर ने 1 साल में किस तरह शहर का नुकसान किया।