अवैध इमारतों की रिपोर्ट सिद्धू को सौंपेंगे मेयर
बिल्डिंग ब्रांच में एक ही एटीपी, अवैध बि¨ल्डगों की रिपोर्ट नहीं बना सका निगम।
जालंधर : नगर निगम में चल रहे वेतन संकट की समस्या के हल के लिए मंगलवार को मेयर जगदीश राजा वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के साथ मुलाकात कर सकते हैं। मेयर मंगलवार सुबह चंडीगढ़ रवाना होंगे। वहां उन्होंने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू को 95 अवैध बि¨ल्डगों और कॉलोनियों की रिपोर्ट भी सौंपनी थी। पर बि¨ल्डग ब्रांच रिपोर्ट तैयार ही नहीं कर सकी है।
बि¨ल्डग ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि बि¨ल्डग ब्रांच में एक ही एटीपी है। जिन अवैध इमारतों पर बि¨ल्डग ब्रांच द्वारा कार्रवाई की गई है, उनमें से कुछ इमारतों के मालिकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इसके चलते एटीपी व बि¨ल्डग ब्रांच का स्टाफ हाईकोर्ट के मामलों में जवाब तैयार करने में जुटा रहा। मेयर ने बताया कि उन्हें सोमवार शाम तक निगम प्रशासन द्वारा कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। सिद्धू से मी¨टग के दौरान वह पूरे हालात बयान कर देंगे। मंत्री को बताएंगे कि 95 अवैध बि¨ल्डगों की रिपोर्ट तैयार करने में स्टाफ की कमी की समस्या आड़े आ रही है।
वहीं, निगम में चल रही वेतन समस्या पर मेयर राजा ने बताया कि बीते सप्ताह चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात के दौरान भी निगम के आर्थिक हालात पर चर्चा की गई थी। मुख्यमंत्री को बताया था कि निगम प्रशासन के पास मुलाजिमों को वेतन तक देने के लिए फंड नहीं है। निगम को समय रहते सरकार की ओर से जीएसटी किश्त मुहैया कराने की भी मांग की गई थी। पर इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया जा सका था। राजस्व वसूली में पिछडे़ निगम के सारे विभाग
नगर निगम प्रशासन ने बि¨ल्डग ब्रांच, प्रॉपर्टी टैक्स विभाग, वाटर सप्लाई एंड सीवरेज विभाग को सालाना 32 से 35 करोड़ रुपये के टारगेट दिए हैं। निगम के कार्यवाह कमिश्नर विशेष सारंगल ने बताया कि विभागों को दिए टारगेट की हर महीने समीक्षा होती है। कमिश्नर बसंत गर्ग के ऑफिशियल लीव पर जाने के बाद से समीक्षा बैठक नहीं हुई है। हालांकि, निगम के सूत्रों ने बताया कि किसी भी विभाग द्वारा तिमाही टारगेट पूरे नहीं किए जा सके हैं। निगम के अकाउंट्स विभाग के सूत्रों ने बताया कि बीते दो महीनों से प्रापर्टी टैक्स और वाटर सप्लाई विभाग की बि¨लग दो से तीन लाख रुपये प्रतिदिन के करीब हो रही है। जबकि बि¨ल्डग ब्रांच की ओर से फिलहाल बीते कुछ दिनों से कोई राजस्व प्राप्त नहीं हुआ है।