लस्सी, नींबू पानी और सब्जियां खाएं, शुगर दूर भगाएं
रोजमर्रा की जीवनशैली में और खानपान की आदतों में व्यापक सुधार से शुगर के खतरे से बचाव संभव है। ये जानकारी एनएचएस अस्पताल के डॉ. तरुण अग्रवाल ने अस्पताल में आयोजित कैंप में मरीजों को दी। उन्होंने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण लोग पूरी तरह से दवा नहीं लेते और शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा लेते है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : रोजमर्रा की जीवनशैली में और खानपान की आदतों में व्यापक सुधार से शुगर के खतरे से बचाव संभव है। ये जानकारी एनएचएस अस्पताल के डॉ. तरुण अग्रवाल ने अस्पताल में आयोजित कैंप में मरीजों को दी। उन्होंने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण लोग पूरी तरह से दवा नहीं लेते और शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा लेते है।
लोग लस्सी छोड़ कर कोल्ड ¨ड्रक पीने लगे हैं जो नुकसानदायरक है। मिस्सी रोटी, चोकर सने आटे, सब्जियों, दालें, सलाद को भोजन में शामिल करने से समस्या का समाधान संभव है। बच्चों को शुरू से ही लस्सी, नींबू पानी और सब्जियों की आदत डालनी चाहिए। जीवनशैली में कसरत, सैर व खानपान की सही आदतें अपनाएं तो शुगर से होने वाली दिक्कतों से बच सकता है।
डायटीशियन अनीता ने प्रोटीन डाइट, अंकुरित दालों, पनीर, सोयाबीन और चने को अपने आहार में शामिल करने के लिए कहा। उन्होंने फलों में पका हुआ पपीता, लोकाट, आलू बुखारा, चेरी, आड़ू, अमरूद, संतरा, खुरमाणी, फल खाने को कहा। इसके अलावा अपने आहार में 5 बादाम और 2 अखरोट शामिल करने की सलाह दी। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ नवीन चितकारा, डॉ. शुभांग अग्रवाल और डॉ. संदीप गोयल ने बताया कि अगर शुगर से बचना है तो व्यक्ति को अपनी मॉनिट¨रग पर विशेष फोकस करना होगा। कैंप में लोगों का मुफ्त शुगर और यूरिन टेस्ट किया गया। इस दौरान अस्पताल के स्टाफ ने दिन में एक बार मिस्सी रोटी खाने का विचार किया।