कूड़े से बनी ऑर्गेनिक खाद की क्वालिटी दमदार, नए पिट्स के लिए निगम खर्चेगा 3.10 करोड़ Jalandhar News
शहर में रोजाना 500 टन कूड़ा निकलता है। अभी तक कूड़ा वरियाणा डंप पर ही जाता रहा है लेकिन पिछले तीन महीने से कूड़े को पिट्स में डालकर खाद में बदलने के प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है।
जेएनएन, जालंधर। शहर के कूड़े से बनी खाद की क्वालिटी अच्छी निकलने से उत्साहित मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने शहर में सात और जगह पिट्स बनाने की घोषणा की है। छह जगह पर पिट्स बनाने का काम पहले ही चल रहा है। होटलों, रेस्टोरेंट, पैलेसों, कॉलेजों, डेरों और घरों में अब तक कूड़े से खाद बनाने से 20 टन वेस्ट मैनेजमेंट संभव हो गई है। इसे अगले तीन महीनों में 100 टन तक ले जाने का टारगेट है।
बता दें कि नंगलशामा में बनाए गए पिट्स में बनी खाद की जांच पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से करवाई गई थी। जांच में खाद की क्वालिटी फर्टीलाइजर कंट्रोल ऑर्डर 2013 के मानकों पर खरी उतरी है। पिट्स प्रोजेक्ट के लिए विधायक राजिंदर बेरी ने स्टेंड लिया था और अपने हलके में प्रोजेक्ट शुरू करवाया। हांलाकि इसके लिए उन्हें अपने ही पार्षदों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी है लेकिन अब प्रोजेक्ट सफल होने का फायदा भी मिलेगा। मेयर ने कहा कि फिलहाल किसान नगर निगम से यह खाद बिना किसी खर्च के ले सकते हैं लेकिन जब बड़ी मात्रा में खाद बनेगी तो निगम इसे सरकार के तय दाम के मुताबिक 1500 रुपये प्रति टन के हिसाब से बेचेगा। सरकार की तय की गई एजेंसियां इस रेट पर खाद लेने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि शहर में रोजाना 500 टन कूड़ा निकलता है। अभी तक कूड़ा वरियाणा डंप पर ही जाता रहा है लेकिन पिछले तीन महीने से कूड़े को पिट्स में डालकर खाद में बदलने के प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। निगम के हेल्थ अफसर डॉ. श्री कृष्ण के मुताबिक रोजाना 20 टन कूड़े को खाद में बदलने में सफलता मिल गई है। 13 प्रस्तावित जगह पिट्स बनाने का प्रोजेक्ट पूरा होते ही 100 टन कूड़ा खाद में बदला जा सकेगा। निगम का टारगेट है कि पिट्स प्रोजेक्ट पर ही काम किया जाए और अगले दो साल में पूरे शहर के 500 टन कूड़े को खाद में बदलने के लिए पिट्स सेंटर तैयार हो जाएं। प्रेस कांफ्रेंस में मेयर जगदीश राजा ने कहा कि कई होटलों की खाद भी चैक की गई है जो क्वालिटी में अच्छी हैं। मौके पर ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह, पार्षद पवन कुमार, जगदीश गग, मनमोहन राजू, गुरविंदर सिंह बंटी नीलकंठ, जगजीत जीता मौजूद रहे।
खाद की क्वालिटी पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की जांच में
नंगलशामा के पिट्स में लोगों के घरों से आने वाले कूड़े से बनी खाद में नाइट्रोजन की मात्रा 1.35 निकली है जबकि यह कम से कम 0.4 प्रतिशत होनी चाहिए थी। कार्बन की मात्रा अधिकतम 11.6 होनी चाहिए जोकि 7.9 निकली है। दोनों को कंबीनेशन 8.6 प्रतिशत मिला है और यह 20 प्रतिशत से कम ही होना चाहिए।
3.10 करोड़ से बनेंगे नए सात पिट्स
नगर निगम ने सात नई लोकेशन पर पिट्स बनाने की तैयारी कर ली है। इससे पहले केएमवी कॉलेज रोड, धन्नोवाली, नंगलशामा, दकोहा, ब¨ड़ग में पिट्स बनाने का काम चल रहा है। नई तय की गई लोकेशन इंडस्ट्रियल एरिया में लीडर फैक्टरी के पास, फोलड़ीवाल ट्रीटमेंट प्लांट, वेस्ट हलके में सीवरेज डिस्पोजल, सलेमपुर मुसलमाना में दो जगह और सोढल रोड शामिल हैं। एक लोकेशन पर 20 से 25 पिट्स तैयार की जाएंगी जहां 2000 घरों के कूड़े को 60 दिन तक खाद में बदलने के क्षमता की होगी। होटलों, पैलेसों से भी निगम लेगा खाद मेयर जगदीश राजा ने कहा कि जो संस्थान अपने परिसर में कूड़े से खाद बना रहे हैं वह खुद भी इस्तेमाल कर सकते हैं और ज्यादा खाद तैयार होने पर निगम को दे सकते हैं। मेयर ने कहा कि निगम खाद को बेचने के लिए टीम तैयार करेगा। मेयर ने कहा कि बड़े संस्थानों के वेस्ट मैनेजमेंट से काम काफी आसान होगा। कई बड़े डेरे भी कूड़े को खाद में बदलने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर चुके हैं।
गीला-सूखा कूड़ा लेने के लिए निगम ने डस्टबिन वाले रेहड़े दिए
कूड़े से खाद बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि घरों से आने वाला कूड़ा सेग्रीगेट होकर आए। यानि कि गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग हो। घरों से कूड़ा सेग्रीगेट करके लेने के लिए डस्टबिन वाले रेहड़ों की जरूरत थी और निगम ने 100 रेहड़े खरीदे हैं। इसमें से 40 रेहड़े निगम को मिल गए हैं। सोमवार को मेयर और कमिश्नर ने वार्ड नंबर 12 के पार्षद जगदीश गग को रेहड़े हैंड ओवर किए। सभी हलकों में एक-एक वार्ड में यह रेहड़े दिए जा रहे हैं। एक रेहड़े में 200 घरों को कूड़ा आएगा। इसमें तीन तरह के डस्टबिन होंगे। गीले कूड़े के लिए हरा, सूखे कूड़े के लिए नीला और खतरनाक तरह के कूड़े के लिए लाल रंग का डस्टबिन रहेगा। 12 नंबर वार्ड के अलावा वार्ड नंबर 26, 42 और 64 में यह रेहड़े दिए जा रहे हैं।
प्रोजेक्ट की सफलता को श्रेय आशिका जैन को दिया
मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने पिट्स प्रोजेक्ट की सफलता का श्रेय नगर निगम में ज्वाइंट कमिश्नर रहीं आइएएस अफसर आशिका जैन को दिया। वह कई महीनों से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहीं थी। हाल ही में उनका तबादला मोहाली में हुआ है। उन्होंने हेल्थ अफसर डॉ. श्री कृष्ण शर्मा और टीम के साथ मिल कर शहर में जागरुकता मुहिम चलाई थी और बड़े संस्थानों को अपने परिसर में ही कूड़े को खाद में बदलने के लिए तैयार किया था।
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