हाई कोर्ट में स्टाफ न होने का बहाना बनाया, डंडा दिखा तो दो दिन में 24 जगह कार्रवाई
स्टाफ की कमी के कारण अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई न कर पाने पर हाई कोर्ट से लताड़ लगने के डर से नगर निगम ने अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है।
जागरण संवाददाता, जालंधर
हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में दर्ज अवैध कॉलोनियों और निर्माणों पर एक्शन रिपोर्ट में नगर निगम ने कहा था कि स्टाफ की कमी के कारण 448 में से 167 जगह कार्रवाई नहीं हो सकी है। यह रिपोर्ट पिछली सुनवाई पर जमा करवाई गई थी लेकिन अब जब अगली सुनवाई 11 नवंबर को है तो हाई कोर्ट के डंडे से डर कर छह नवंबर से एक्शन शुरू कर दिया है। कार्रवाई को विरोध न हो इसलिए निगम टीम सुबह पांच बजे ही कार्रवाई पर निकल पड़ती है। 167 में से 24 जगह दो दिनों में कार्रवाई कर दी गई है। सरकार के सीनियर अफसरों का आदेश है कि कार्रवाई हर हाल में की जाए क्योंकि कार्रवाई न होने पर हाई कोर्ट में 11 नवंबर को अफसरों को एक्शन झेलना पड़ सकता है। जिन 167 जगह कार्रवाई की जानी है उनमें से कई साइट्स ऐसी हैं जो सरकार की रेगुलराइजेशन और वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी के तहत रेगुलर भी हो सकती हैं। इनके डवलपर और बिल्डर से भी आवेदन करने के लिए कहा है।
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हाई कोर्ट में दी निगम की एक्शन टेकन रिपोर्ट
कुल इमारतें और कॉलोनियां 448
- सील की प्रॉपर्टी 70
- प्रॉपर्टी गिराई 8
- वन टाइम सेटलमेंट में आवेदन 25
- जुर्माना लेकर कंपाउंड 27
- कॉलोनियां रेगुलर करने का आवेदन 29
- कंपलिशन सर्टिफिकेट 21
- कोर्ट में केस 11
- स्टाफ की कमी से एक्शन नहीं 167
- बिल्डिंग प्लान मंजूर 25
- शहर से बाहर कॉलोनी 1
- कंपलिशन एप्लाइड 3
- लोकेशन नहीं मिली 2
- तालांबद इमारतें 2
- एक्शन की जरूरत नहीं 13
- पुरानी इमारतें 9
- काम रुकवाया 2
- कंपाउंडिग प्रोसेस 21
- वायलेशन दूर करवाई 4
- इंप्रूवमेंट ट्रस्ट एरिया 3