जिन विभागों पर शहर की जिम्मेदारी, वही तरस रहे मुलाजिमों को Jalandhar News
हालात तो यह हैं कि कई विभाग तो आधे से कम मुलाजिमों के सहारे ही काम कर रहे हैं और इनमें भी ज्यादातर स्टाफ ठेके पर रखा गया है।
जालंधर, जेएनएन। नगर निगम में स्टाफ की कमी शहर के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो रही है। हालात तो यह हैं कि कई विभाग तो आधे से कम मुलाजिमों के सहारे ही काम कर रहे हैं और इनमें भी ज्यादातर स्टाफ ठेके पर है। बिल्डिंग डिपार्टमेंट, बिल्डिंग एंड रोड्स डिपार्टमेंट, ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस डिपार्टमेंट, हॉर्टीकल्चर विंग की वर्किंग पर ही शहर का विकास टिका है लेकिन इन सभी विभागों में स्टाफ की जबरदस्त कमी है। स्टाफ की कमी का मामला पार्षद डॉ. जसलीन सेठी ने नगर निगम हाउस मीटिंग उठाया। उन्होंने इस पर डिटेल भी दी है कि कहां-कहां और किस-किस विभाग में क्या कमी है।
डॉ. जसलीन सेठी ने कहा कि बिल्डिंग डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टरों की सेंक्शन पोस्ट 20 हैं लेकिन सिर्फ पांच बिल्डिंग इंस्पेक्टर हैं। इसी प्रकार बीएंडआर डिपार्टमेंट में 30 जूनियर इंजीनियर चाहिए लेकिन रेगुलर भर्ती वाले सिर्फ छह काम कर रहे हैं। 15 आउटसोर्स पर रखे जाने हैं। ऐसे ही 14 के मुकाबले सिर्फ सात एसडीओ हैं तो एक्सईएन पांच चाहिए लेकिन सिर्फ एक ही काम कर रहा है। ओएंडमएम ब्रांच में 18 में से सिर्फ नौ जूनियर इंजीनियर हैं। एक्सईएन, एमटीपी, एटीपी स्तर की पोस्ट पर भी भारी कमी है। मेयर जगदीश राजा ने कहा कि इसे गंभीरता से लेंगे। हार्टीकल्चर डिपार्टमेंट में 400 माली की जगह सिर्फ 50 हैं। तीन एसडीओ चाहिए लेकिन एक भी नहीं है जबकि 4 जूनियर इंजिनियर की जगह 1 काम कर रहा है।
बिल्डिंग डिपार्टमेंट में 45 के मुकाबले सिर्फ 14 का स्टाफ
नगर निगम के बिल्डिंग डिपार्टमेंट में स्टाफ की कमी से निगम को भारी नुकसान हो रहा है। अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माण नहीं रुक रहा। नक्शा पास करने में देरी हो रही। निगम में दो एसटीपी होने चाहिए लेकिन एक भी नहीं है। एमटीपी की दो पोस्ट हैं लेकिन एक ही काम कर रहा है। एटीपी के नौ पद हैं लेकिन काम सिर्फ दो कर रहे। बिल्डिंग इंस्पेक्टर 20 की जगह पांच, हेड ड्राफ्ट्समैन और ड्राफ्ट्समैन के 10 पद हैं लेकिन तैनाती सिर्फ चार की है।
322 सफाई मुलाजिम की कमी दिखाई
हेल्थ ब्रांच के तहत आते सफाई मुलाजिमों की सेंक्शन गिनती 2264 दिखाई गई है लेकिन इनमें 322 की कमी है।
ओएंडएम में अफसरों की कमी से प्लानिंग कमजोर
निगम के ऑपरेशन एंड मेनटनेंस विंग में अफसरों की कमी से प्लानिंग कमजोर हो रही है। चीफ इंजीनियर, सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के दो पद हैं लेकिन एक भी अफसर नहीं हैं। एक्सईएन पांच चाहिए लेकिन सिर्फ दो हैं। आठ की जगह सिर्फ दो एसडीओ, 18 की जगह नौ जूनियर इंजीनियर हैं। इसके अलावा लिपिक या क्लर्क 52 चाहिए लेकिन सिर्फ 23 हैं और सीवरमैन के मंजूर 510 पदों में से 125 कम हैं।