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निगम सदन की बैठक कल, रोड स्वीपिंग मशीन प्रोजेक्ट पर हंगामा कर सकते हैं अकाली-भाजपा पार्षद

नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में रोड स्वीपिंग मशीन मामले में हंगामा तय है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 10:41 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 10:44 AM (IST)
निगम सदन की बैठक कल, रोड स्वीपिंग मशीन प्रोजेक्ट पर हंगामा कर सकते हैं अकाली-भाजपा पार्षद
निगम सदन की बैठक कल, रोड स्वीपिंग मशीन प्रोजेक्ट पर हंगामा कर सकते हैं अकाली-भाजपा पार्षद

जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में रोड स्वीपिंग मशीन मामले में हंगामा तय है। बैठक वीरवार को होगी। पूर्व मेयर सुनील ज्योति के कार्यकाल में हुए रोड स्वीपिंग प्रोजेक्ट के काट्रेक्ट पर मेयर जगदीश राजा ने सवाल उठाने के साथ ही इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर घोटाला होने की आशका जताई थी। मेयर राजा ने रोड स्वीपिंग प्रोजेक्ट की जाच के लिए दो ज्वॉइंट कमिश्नरों, डीसीएफ और डीसीएलए समेत चार सदस्यों की कमेटी गठित की थी। पूर्व ज्वॉइंट कमिश्नर शिखा भगत ने ट्रासफर होने से पहले ही मेयर को बंद लिफाफे में जाच कमेटी की रिपोर्ट सौंप दी थी।

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मेयर कार्यालय के सूत्रों और जाच कमेटी के एक सदस्य ने रिपोर्ट में रोड स्वीपिंग प्रोजेक्ट में घोटाले की पुष्टि की है। इसे लेकर निगम सदन की बैठक में काग्रेस को विपक्षी अकाली-भाजपा पार्षदों का भारी विरोध सहना पड़ सकता है। बैठक में वरियाणा में दस करोड़ रुपये की लागत से बायो-माइनिंग प्लाट लगाए जाने और शहर के अलग-अलग इलाकों में गैस पाइपलाइन बिछाने सहित सोढल रोड स्मार्ट सीवर प्रोजेक्ट आदि प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है। मेयर को मिलेगा समर्थन, विरोध भी झेलना पड़ेगा

हाउस की बैठक में मेयर जगदीश राजा को जहा रोड स्वीपिंग मामले में काग्रेस का समर्थन हासिल होगा, वहीं, चारों विधानसभा हलकों में दो-दो टन के चार कचरा प्लाट लगाने के प्रस्ताव पर काग्रेस पार्षद ही उनकी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। 30-40 फीट चौड़ी सड़कों को कॉमर्शियल दर्जा देने पर भी लग सकती है मुहर

बैठक में सीनियर डिप्टी मेयर सु¨रदर कौर ने कपूरथला रोड अग्रवाल भवन वाली सड़क को कॉमर्शियल सड़क का दर्जा देने की माग का प्रस्ताव भी पेश किया है। पार्षद उमा बेरी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। हाउस के एजेंडा के प्रस्ताव संख्या 185 में कहा गया है कि शहर के जिन इलाकों में बिल्डिंग बाइलाज के तहत कॉमर्शियल इमारतों के निर्माण को मंजूरी नहीं दी जा सकती, वहा पहले से चल रहीं एक मंजिला दुकानों या एक से पाच मरले भूमि में बनीं कॉमर्शियल बिल्डिंगो पर कार्रवाई न करके उनको कंपाउंड कर रेगुलर किया जाना चाहिए। यह भी सुझाव दिया है कि शहर की 30-40 फीट की सड़कों का एटीपी के नेतृत्व में सर्वे करवाया जाए और इन सभी सड़कों पर भी कॉमर्शियल गतिविधियों को मंजूरी देने की कार्रवाई की जाए। एजेंडा में गाव मलको को भी नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव शामिल किया गया है। अवैध कॉलोनियों में नहीं गिराए जाएंगे 3 से 6 मरले के मकान!

बैठक में 348 अवैध कालोनियों को पब्लिक स्ट्रीट घोषित करने का प्रस्ताव भी पेश होगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। नगर निगम को भी इससे बड़ा वित्तीय लाभ होगा। गौरतलब है कि इन 348 कालोनियों के लोगों को एनओसी भी नहीं मिल पा रही। एजेंडा में शामिल प्रस्ताव में कहा गया है कि 348 कॉलोनियों को पब्लिक स्ट्रीट घोषित किया जाना चाहिए। इन कालोनियों में निगम पानी, सीवरेज, सड़कों और स्ट्रीट लाइट्स की सुविधा पहले से दे रहा है। इन कालोनियों को पब्लिक स्ट्रीट घोषित करने को लेकर एसई बीएंडआर, एसई ओएंडएम और एटीपी लखबीर सिंह की तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का प्रस्ताव है। एजेंडा में कहा गया है कि कमेटी की रिपोर्ट आने तक कालोनिया में 3 से 6 मरले के मकानों को गिराने की कार्रवाई नहीं होगी।


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