जालंधर में मेयर बनाम पूर्व मेयर, राजा बोले- खजाने में मिले थे सिर्फ 25 लाख
पूर्व मेयर सुनील ज्योति के कार्यभार पूरा होने व नए मेयर जगदीश राज राजा के कार्यभार ग्रहण करने के दौरान आखिरकार नगर निगम के खजाने से 12 करोड़ रुपये की राशि कहां चली गई।
जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम के पूर्व मेयर सुनील ज्योति के कार्यभार पूरा होने व नए मेयर जगदीश राज राजा के कार्यभार ग्रहण करने के दौरान आखिरकार नगर निगम के खजाने से 12 करोड़ रुपये की राशि कहां चली गई। पूर्व मेयर व वर्तमान मेयर के बीच खजाने की स्थिति को लेकर छिड़ी जंग के बाद ये सवाल खड़ा हो गया है।
पूर्व मेयर व भाजपा नेता सुनील ज्योति ने एक दिन पहले ही पूर्व पार्षदों के साथ बैठक करते हुए बताया कि जिस दिन उन्होंने पदभार छोड़ा था, उस दिन नगर निगम के खजाने में 12.50 करोड़ रुपये की कैश राशि छोड़ी थी। निगम को मुनाफे में छोड़ा था। उन्होंने नए मेयर से सवाल किया था कि जब वे निगम को मुनाफे में छोड़कर आए थे तो अब राजा निगम को कंगाल क्यों बता रहे हैं।
मेयर जगदीश राज राजा ने एक दिन पहले सुनील ज्योति द्वारा उठाए गए मुद्दों पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस साल 25 जनवरी को जिस दिन उन्होंने नगर निगम में पदभार संभाला था, उस दिन निगम के खाते में 25 लाख रुपये की कैश राशि व 28.50 करोड़ रुपये की देनदारी (आउटस्टैं¨डग) उन्हें सौगात में मिली थी। अपने तर्क के पक्ष में मेयर राजा ने कैश बुक की फोटो प्रति भी उपलब्ध कराई है।
इस संबंध में सुनील ज्योति का कहना है कि उन्होंने जिस दिन पदभार छोड़ा था, जगदीश राज राजा ने उसके छह महीने बाद मेयर का पदभार संभाला। इन छह महीनों में निगम में कांग्रेस के प्रशासक ने काम किया था। ऐसे में कांग्रेस से ही मेयर जगदीश राज राजा को सवाल करना चाहिए था कि मुनाफे में छोड़ी गई निगम आज घाटे में क्यों है, जबकि उन्होंने अभी तक शहर में कोई नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं कराया। न ही प्रशासक के समय में कोई काम शुरू हुआ था, सिर्फ पहले से चल रहे राम रोके गए थे।राजा ने पूर्व मेयर ज्योति पर किया पलटवार