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मेयर के दो साल, शहर का बुरा हालः मेयर के दो वार्डों में 74 सफाई सेवक, कई वार्डों में सिर्फ एक-दो

मेयर जगदीश राजा के कार्यकाल के दो साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन वे अभी तक सफाई सेवकों का मामला नहीं निपटा पाए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 11:20 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 11:20 AM (IST)
मेयर के दो साल, शहर का बुरा हालः मेयर के दो वार्डों में 74 सफाई सेवक, कई वार्डों में सिर्फ एक-दो
मेयर के दो साल, शहर का बुरा हालः मेयर के दो वार्डों में 74 सफाई सेवक, कई वार्डों में सिर्फ एक-दो

जालंधर, जेएनएन। शहर में सफाई को लेकर मेयर जगदीश राजा बुरी तरह हर तरफ से घिरे हुए हैं। विपक्ष ही नहीं बल्कि उनकी अपनी पार्टी के पार्षदों के निशाने पर भी मेयर हैं। इसका बड़ा कारण वार्डों में लगे गंदगी ढेर और वहां सफाई सेवकों को तैनात करने में किया गया भेदभाव है। कई वार्डों में 1 से 4 सफाई सेवक हैं तो कई वार्ड ऐसे हैं जहां 40 से ज्यादा सफाई सेवक दिए गए हैं। मेयर जगदीश राजा के कार्यकाल के दो साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन वे अभी तक सफाई सेवकों का मामला नहीं निपटा पाए हैं। पार्षदों को अब भी सफाई सेवक लगवाने के लिए मेयर और कमिश्नर के दफ्तरों में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

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पूर्व मेयर ने सभी वार्डों में लगा रखे थे 31-31 मुलाजिम, अब कहीं दो भी नहीं

 

रिकॉर्ड के मुताबिक नगर निगम में 1826 सफाई मुलाजिम हैं। पूर्व मेयर सुनील ज्योति के कार्यकाल में 60 वार्ड थे और सभी को 31-31 सफाई सेवक अलॉट किए गए थे। अब वार्ड 80 हो गए हैं। पिछले दो साल में सफाई सेवकों की तैनाती में भी भेदभाव हुआ है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं के इलाकों में ज्यादा सफाई मुलाजिम दिए गए हैं जबकि अकाली-भाजपा और कांग्रेस के नए पार्षदों को सफाई मुलाजिमों की तैनाती को लेकर धरने की चेतावनी तक देनी पड़ी। सफाई सेवकों की तैनाती में गड़बड़ी ऐसे समय में हो रह है जब केंद्र सरकार हर साल शहरों में स्वच्छता सर्वे करवा रही है। स्वच्छता सर्वे के महीने में निगम सफाई को लेकर सजग रहता है लेकिन बाकी के 11 महीने सफाई को लेकर कोई सिस्टम नहीं है।

टॉप वॉर्ड

वॉर्ड नंबर             सफाई मुलाजिम              पार्षद

49                           46                      अनिता राजा

57                            45                     रजनी मट्टू

18                            43                     बलजीत प्रिंस

69                             41                    सरफो देवी

67                              40                   कंवलजीत कौर गुल्लू

22                              38                   प्रभदयाल भगत

19                              37                   उमा बेरी

20                              35                   डॉ. जसलीन सेठी

14                               34                  मनजिंदर सिंह

55                               33                 वंदना भुल्लर

50                               32                 शैरी चड्डा

46                                31                अनिता मिंटू

33, 59, 80                     30                कमला ढल्ल, रीना, देसराज जस्सल

42                                29                 सुनीता रिंकू

48                                28                 जगदीश राज राजा

31, 45, 60,                   27                 हरशरण कौर, जसपाल भाटिया, अवतार सिंह

वार्ड नंबर 22 में 38, 23 में 28 तो वार्ड 24 में 3 मुलाजिम

सफाई सेवकों की तैनाती को लेकर कांग्रेस के पार्षदों में ही भेदभाव किया गया है। कैंट हलके के वार्ड नंबर 22, 23 और 24 का इलाका आपस में जुड़ा है लेकिन सफाई सेवकों के मामले में यहां फर्क है। तीनों वार्ड कांग्रेस के हैं लेकिन वार्ड नंबर 22 में 38 और 23 में 28 मुलाजिम हैं तो वार्ड नंबर 24 में सिर्फ 3 मुलाजिम हैं। वॉर्ड नंबर 24 के पार्षद मिंटू जुनेजा ने ज्वाइंट कमिश्नर राजीव वर्मा से इस पर एतराज भी जताया है। वार्ड नंबर 24 में पहले एक भी मुलाजिम नहीं था लेकिन बाद में छह मुलाजिम दिए गए लेकिन इनमें से सिर्फ तीन ही आ रहे हैं।

मेयर राजा और उनकी पत्नी के वार्ड में 74 मुलाजिम

मेयर जगदीश राजा की पत्नी अनिता राजा के वार्ड नंबर 49 में 46 सफाई सेवक हैं। वहीं, मेयर के चुनाव क्षेत्र वार्ड नंबर 48 में 28 मुलाजिम है। दो वार्डों में 74 मुलाजिम काम कर रहे हैं। इन इलाकों में पहले भी काफी गिनती में मुलाजिम काम करते रहे हैं क्योंकि राजा नता विपक्ष रहे हैं। वर्तमान में नेता विपक्ष भाजपा पार्षद मनजिंदर चड्ढा के वॉर्ड में 34 और विधायक राजिंदर बेरी के वार्ड से सटे वार्ड नंबर 18 में 43 मुलाजिम हैं। यहां से बलजीत प्रिंस पार्षद हैं लेकिन इलाके में प्रभाव विधायक बेरी का ही है।

यूनियनों का भी दिख रहा प्रभाव

सफाई मुलाजिमों की तैनाती में यूनियनों का भी प्रभाव नजर आता है। जिन इलाकों में यूनियनों के बड़े नेताओं को जिम्मेवारी मिली है वहां भी सफाई सेवकों की गिनती ज्यादा है। बड़े यूनियन नेताओं के इलाकों में काम करने से पार्षदों का दबाव नहीं सहना पड़ता। इसके अलावा निगम ने जमशेर डेयरी कंप्लेक्स में भी 20 सफाई सेवकों की तैनाती की है। डेयरी कांप्लेक्स में सड़कों की सफाई होती किसी ने नहीं देखी। 82 मुलाजिम वर्कशॉप और 59 निगम कांप्लेक्स में तैनात हैं।

प्रमुख सड़कों पर मशीन से सफाई

नगर निगम प्रमुख सड़कों पर अब मशीन से सफाई करवा रहा है। इसके लिए एक मशीन आ चुकी है जबकि एक मशीन अभी आनी है। शहर में करीब कई सड़कें ऐसी हैं जहां मशीन से सफाई होनी है। पूर्व मेयर सुनील ज्योति के कार्यकाल में जो सफाई का ठेका किया गया था, उसे रद करके निगम ने स्मार्ट सिटी के खाते से मशीन खरीदी है। इन सड़कों पर सफाई तो हो रही है लेकिन मशीन की मॉनिटरिंग न होने कारण मनवांछित परिणाम नहीं मिल रहा।

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