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पुलिस के पहरे में उठा कूड़ा, आपात मीटिंग में 160 सीवरमैन की भर्ती पर दोबारा मुहर

सफाई मुलाजिमों की हड़ताल के खिलाफ मेयर जगदीश राजा और निगम अफसरों ने पहली बार कड़ा स्टैंड लिया है।

By Edited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 09:59 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 08:42 AM (IST)
पुलिस के पहरे में उठा कूड़ा, आपात मीटिंग  में 160 सीवरमैन की भर्ती पर दोबारा मुहर
पुलिस के पहरे में उठा कूड़ा, आपात मीटिंग में 160 सीवरमैन की भर्ती पर दोबारा मुहर

जालंधर, जेएनएन। सफाई मुलाजिमों की हड़ताल के खिलाफ मेयर जगदीश राजा और निगम अफसरों ने पहली बार कड़ा स्टैंड लिया है। हड़ताल बेअसर करने को पुलिस के पहरे में डंपों से कूड़ा उठवाया गया। इसके लिए निगम के मुलाजिमों को रात में ही तैयार कर लिया था। कुछ गाड़ियां वर्कशॉप से रात में ही निकाल ली थीं। वहीं, मेयर राजा ने निगम के इतिहास में पहली बार आपात मीटिंग बुलाकर ठेके पर 160 सीवरमैन की नियुक्ति को जायज ठहराया। यह भी घोषणा की कि जल्द ही 535 सफाई सेवकों की भर्ती भी होगी।

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मेयर ने संदेश दिया कि सफाई मुलाजिमों की हड़ताल शहर हित में नहीं है। इसलिए आपात मीटिंग बुलानी पड़ी। मेयर ने 52 पार्षदों की मौजूदगी में 160 सीवरमैन के प्रस्ताव पर दोबारा मुहर लगा दी। मेयर ने पार्षदों से पूछा कि क्या वे ठेके पर रखे सीवरमैनों के काम से संतुष्ट हैं। सभी के सहमति जताने पर हाउस ने वाटर सप्लाई एंड सीवरेज डिस्पोजल कमेटी और हेल्थ एंड सेनिटेशन एडहॉक कमेटी की मी¨टग्स में ठेके पर रखे सीवरमैनों को पक्का करने के लिए सरकार से सिफारिश करने का प्रस्ताव भी पास कर दिया।

उधर, पंजाब सफाई मजदूर फेडरेशन के प्रधान चंदन ग्रेवाल के नेतृत्व में सफाई मुलाजिमों ने निगम ऑफिस परिसर में धरना दिया। चंदन ने कहा कि मेयर और विधायक डंप खाली करवाकर खुश ना हों क्योंकि अभी डंपों पर कूड़ा आना शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दलितों को दबाने की साजिश सफल नहीं होने देंगे। दलितों को दबाने की जितनी कोशिश होगी, संघर्ष उतना ही फैलता जाएगा। इस बीच डंपों पर पुलिस तैनात रहीं लेकिन प्रताप बाग डंप पर हड़ताली और काम कर रहे मुलाजिमों में हल्के टकराव से डिच के शीशे टूट गए। हड़ताल का समर्थन करने वाले मुलाजिमों को वर्कशॉप से गाड़ियां बाहर आने से भी रोकीं।

विधायक बेरी ने यूनियनों को तोड़ा, कमिश्नर ने फील्ड में संभाला मोर्चा

निगम की सफाई मजदूर यूनियनों को दोफाड़ करने में विधायक राजिंदर बेरी ने अहम भूमिका निभाई। इसके लिए कई दिनों से प्रैक्टिस चल रही थी। मेयर के घर पर पर देर रात तक चली मीटिंग में बेरी और कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने पूरा प्लान बनाया। इसके लिए यूनियनों के कुछ नेताओं को भरोसे में लेने के बाद मुलाजिमों को भी काम के लिए तैयार किया। 160 सीवरेमैन रखने का ठेका भी शहर के ही एक दलित नेता को दिया गया है ताकि वह काम पर डटे रहें। इसके बाद रात को ही कुछ डिच, टिप्पर भी वर्कशॉप से निकाल लिए गए थे। गाड़ियों में डीजल भी बाहर से ही डलवाया गया। इसके बाद डंपों से काम करवाने की जिम्मेवारी निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने संभाली। वह सुबह की पुलिस टीम के साथ डंपों पर पहुंच गए थे। 11 बजे तक शहर के ज्यादातर डंप खाली करवा दिए गए थे।

मेयर राजा ने मांगा जनता से सहयोग

मेयर ने हड़ताल से कुछ दिन काम प्रभावित रहने पर जनता से सहयोग मांगा है। मेयर ने कहा कि डंपों से कूड़ा उठाया जा रहा है लेकिन कुछ इलाकों में घरों से कूड़ा उठाने में मुश्किल आ सकती है। उन्होंने जो लोग घरों से कूड़ा उठाते हैं उनसे भी अपील की कि वह काम पर लौट आएं। मेयर ने कहा कि जिन इलाकों में घरों से कूड़ा उठाने की समस्या है, वहां के लोगों से अपील है कि वह कूड़ा इलाके के सेकेंडरी डंप पर पहुंचा दें। वहां से निगम टीम कूड़ा उठाती रहेगी। मेयर का दावा है कि 50 प्रतिशत सफाई मुलाजिम काम कर रहे हैं।

21 फरवरी को ही कर ली थी मेयर ने आपात मीटिंग की तैयारी

मेयर ने हाउस की मीटिंग की तैयारी 21 फरवरी को ही कर ली थी। हालांकि एजेंडा मीटिंग से सिर्फ एक घंटे पहले जारी किया और वाट्सएप पर पार्षदों को भेजा गया लेकिन मीटिंग का एजेंडा जारी करने की तारीख 21 फरवरी ही बताई गई है क्योंकि मीटिंग से 72 घंटे पहले एजेंडा जारी करना जरूरी होता है। इस पर विपक्ष के पार्षद सुशील शर्मा, वरेश मिंटू, बलजीत प्रिंस ने सवाल भी उठाया लेकिन मेयर ने कहा कि कुछ फैसले शहर के हित में लेने पड़ते हैं। विपक्ष ने कहा कि निगम हाउस में साल 2016 में ही सफाई सेवकों को डीसी रेट पर रखने का प्रस्ताव पास कर दिया था लेकिन अब दोबारा ठेके पर क्यों रखा जा रहा है। मेयर ने कहा कि सरकार ने डीसी रेट पर मुलाजिम रखने की बजाय आउटसोर्स पर रखने का निर्देश दिया था।

चंदन ग्रेवाल की प्रधानगी पर सवाल उठाया

मीटिंग में कांग्रेस के पार्षद मनदीप जस्सल ने कहा कि सफाई मुलाजिमों को पक्का करना चाहिए और इस मुद्दे पर पूरा हाउस एकमत है। इसके लिए सरकार से बात भी जारी है लेकिन सफाई मुलाजिमों को बहकाकर हड़ताल करवाने की अकाली नेता चंदन ग्रेवाल की योजना सफल नहीं होने देंगे। जस्सल ने कहा कि पंजाब सफाई मजदूर फेडरेशन का प्रधान तो कोई निगम मुलाजिम ही हो सकता है। कई पार्टियों में रह चुके अकाली नेता चंदन ग्रेवाल को इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूनियनों से मीटिंग करके उनकी मांगें पूरी करने में पूरा साथ देंगे। यूनियनों को मुलाजिम ही संभालें।


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