'बधाइयां' लेने के मामले में अस्पताल प्रशासन सखत, जच्चा-बच्चा वार्ड के स्टाफ में होगा फेरबदल
सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में खून की दलाली और मरीजों से 'बधाइयां' लेने के मामले में अस्पताल प्रशासन ने स्टाफ पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में खून की दलाली और मरीजों से 'बधाइयां' लेने के मामले में अस्पताल प्रशासन ने स्टाफ पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी है। आशा वर्कर की ओर से खून की दलाली मामले की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की कमेटी गठित की गई है। समस्या को खत्म करने के लिए वार्ड के स्टाफ में फेरदबल करने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि इससे पहले भी दो तीन बार स्टाफ को बदलने की हिदायत जारी की गई थी लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहे।
सिविल अस्पताल के कार्यकारी मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. त्रिलोचन ¨सह ने बताया कि जच्चा-बच्चा वार्ड की मेटर्न को नर्सिंग व सफाई मुलाजिमों में फेरबदल करने के आदेश जारी किए गए हैं। कामकाज की गुणवत्ता व क्षमता के दृष्टिगत जच्चा-बच्चा के इलाज में सार्थक स्टाफ की तैनाती करने के अधिकार दिए हैं।
अस्पताल में बुधवार को खून की दलाली मामले में आशा वर्कर पकड़ी जाने के मामले को लेकर तीन डाक्टरों की कमेटी गठित की गई है। कमेटी में एसएमओ डॉ. रमन शर्मा, डॉ. गु¨रदर कौर तथा डॉ. कुलविंदर कौर को शामिल किया गया। उन्हें एक सप्ताह में मामले की जांच कर रिपोर्ट देने की हिदायतें दी गई हैं। भविष्य में खून की खरीदारी रोकने के लिए ब्लड बैंक में आशा वर्कर अकेली नहीं जाएगी। ब्लड बैंक में खून लेने के लिए मरीज के परिजन के साथ जाने पर ही ब्लड बैंक की टीम सहयोग करेगी।
यह था मामला : बुधवार को सिविल अस्पताल में खून की दलाली करते आशा वर्कर पकड़ी गई थी। उसने डोनर का इंतजाम करने के लिए मरीज के पति से 1500 रुपये लिए थे। डोनर अरेंज न होने पर उसने पैसे लौटा दिए थे। इस बीच वहां जमकर हंगामा हुआ था। वहीं, लोगों ने अस्पताल के जच्चा बच्चा वार्ड के स्टाफ पर 'बधाइयां' लेने आरोप भी लगाए थे।