Sunday Market बंद करवाने के समर्थन में उतरे दुकानदार, कहा-जाम और छेड़छाड़ की बढ़ रही घटनाएं
रैनक बाजार शेखां बाजार व कलां बाजार से होते हुए गुड़ मंडी तक लगने वाली संडे मार्केट पर निगम की सख्ती के बाद मार्केट एसोसिएशनें भी संडे मार्केट बंद करवाने के समर्थन में उतर आई हैं
जालंधर, [शाम सहगल]। भगवान वाल्मीकि चौक से लेकर रैनक बाजार, शेखां बाजार व कलां बाजार से होते हुए गुड़ मंडी तक लगने वाली संडे मार्केट पर निगम की सख्ती के बाद मार्केट एसोसिएशनें भी संडे मार्केट बंद करवाने के समर्थन में उतर आई हैं। कारण, संडे मार्केट के दौरान बाजार में दिन भर रहने वाला ट्रैफिक जाम तथा भीड़ की आड़ में होने वाली घटनाओं के चलते दुकानदारों का कारोबार प्रभावित होना हैै। इस संबंध में दैनिक जागरण ने इलाके में स्थिति विभिन्न बाजार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से बातचीत की।
छेड़छाड़ और छीना झपटी की घटनाएं बढ़ जाती हैं
शेखां शाॅपकीपर एसोसिएशन के प्रधान हरप्रीत सिंह किवी का कहना है कि संडे मार्केट के कारण बाजार में कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। पहले से तंग बाजार में दोनों तरफ अतिक्रमण करके फडिय़ां लगा दी जाती हैं। जिससे बाजार में एक छोर पर ट्रैफिक जाम होने का असर दूसरे छोर तक पड़ता है। यहीं नहीं भीड़ की आड़ में बाजार में हर रविवार को छेड़छाड़ तथा छिना झपटी की घटनाएं संडे बाजार में आम बात है।
आपात स्थिति से निपटना होगा मुश्किल
रैनक बाजार शाॅपकीपर एसोसिएशन के प्रधान अशोक सोबती का कहना है कि संडे मार्केट में दिन भर बाजार में ट्रैफिक जाम रहता है। कई बार तो पैदल गुजरने में भी काफी समय लग जाता है। भगवान वाल्मीकि चौक से शेखां बाजार के रास्ते में कई रिहाइशी इलाके भी हैं। जहां पर हजारों की संख्या में परिवार रहते हैं। ऐसे में किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटना मुश्किल हो सकता है।
बाजार के आसपास रहते लोग घरों में हो जाते हैं कैद
छोटा बाजार शेखां शाॅपकीपर एसोसिएशन के प्रधान कुलभूषण धवन का कहना है कि संडे मार्केट हकीकत में परेशानी का सबब बन चुकी है। एक तो ट्रैफिक जाम ऊपर से भारी भीड़ की आड़ में असामाजिक तत्वों के सक्रिय होने के चलते महिलाओं को घरों से निकलना दूभर हो जाता है। यही नहीं, हर रविवार को बाजार में झगड़े, ीिनाझपटी व छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं। हालात ऐसे हो जाते हैं कि बाजार के आसपास के रिहाइशी इलाकों के लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। संडे बाजार को तंग बाजार से शहर से बाहर खुले इलाके में शिफ्ट कर देना चाहिए।