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पंजाब में उज्ज दरिया ने फिर दिखाया रौद्र रूप, पानी की चपेट में आए गुज्जर समुदाय के कई डेरे

पठानकोट में उज्ज दरिया एक बार फिर उफान पर आ गया। सोमवार को पानी का जलस्तर 170000 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया। गुज्जर समुदाय के लगभग आधा दर्जन डेरे भी पानी की चपेट में आ गए थे। गुज्जर समुदाय पशु व परिवार के सदस्यों को सुरक्षित ठिकानों पर ले गए।

By Vinay KumarEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 08:52 AM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 08:52 AM (IST)
पंजाब में उज्ज दरिया ने फिर दिखाया रौद्र रूप, पानी की चपेट में आए गुज्जर समुदाय के कई डेरे
पठानकोट में उज्ज दरिया की चपेट में गुज्जर समुदाय के कई डेरे आए।

दीपक कुमार, बमियाल (पठानकोट)। उज्ज दरिया बीते सोमवार की रात को एक बार फिर उफान पर आ गया था। दरिया का पानी खतरे के निशान से 70000 क्यूसेक ज्यादा होने पर दरिया से बाहर निकलना शुरू हो गया था। सोमवार को पानी का जलस्तर 1,70,000 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया। गुज्जर समुदाय के लगभग आधा दर्जन डेरे भी पानी की चपेट में आ गए थे। आनन-फानन में गुज्जर समुदाय के लोगों द्वारा अपने पशु और परिवार सदस्यों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया।

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उज्ज दरिया में उफान के कारण क्षतिग्रस्त हुई बीएसएफ की निगरानी इमारत में तैनात जवान। (जागरण)

पानी के तेज बहाव के चलते कई एकड़ फसल भी पानी की चपेट में आ गई है। इससे अब किसानों में फसल खराब होने की चिंता बनी हुई है। दरिया के उफान से भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे कुछ इलाकों के साथ ही पुलिस चौकी बमियाल भी पानी में डूब गई। गनीमत रही कि फिलहाल किसी प्रकार से जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। दरिया का पानी बमियाल के चांदनी चौक तक पहुंच गया था। इससे कस्बे में बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की आशंका बन गई थी।

उधर, पानी के तेज बहाव के बावजूद सीमा पर सीमा प्रहरी चुनौतियों का सामना करते हुए मुस्तैदी से ड्यूटी करते रहे। सीमा पर स्थित कई पोस्ट पर भी दरिया का पानी पहुंच गया था। पानी के तेज बहाव के कारण सीमा सुरक्षा बल की कुछ इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। बीएसएफ जवान जान जोखिम में डालकर ड्यूटी पर डटे रहे ताकि बाढ़ का फायदा उठाकर पाकिस्तान किसी भी प्रकार की नापाक हरकत को अंजाम न दे सके। उज्ज उफान पर होने के चलते बमियाल फॉरवर्ड पोस्ट को जाने वाला रास्ता भी बह गया। मंगलवार दोपहर बाद हालांकि, हालात में कुछ सुधार आया और पानी खतरे के निशाना से नीचे चला गया। बताया गया है कि मंगलवार शाम तक दरिया का जलस्तर 50 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया था।

बता दें कि दरिया की पानी सहने की क्षमता 1,00,000 क्यूसेक है। इससे अधिक पानी आने पर पानी दरिया से बाहर निकलना शुरू हो जाता है। डेढ़ लाख क्यूसेक पानी होने की स्थिति में बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की आशंका बन जाती है। जानकारी के मुताबिक दरिया में पानी का जलस्तर सोमवार सुबह 6:30 बजे ही बढ़ना शुरू हो गया था। सुबह के समय पानी का स्तर 40,000 क्यूसेक के आसपास था। 11:00 बजे जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के राजबाग से दरिया में 90000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

इससे सोमवार दोपहर 12:00 बजे तक पानी बढ़कर 1,05,000 क्यूसेक हो गया था। इसके बाद दोपहर 3:00 बजे पानी का स्तर खतरे के निशान से 40,000 क्यूसेक ज्यादा हो गया और पानी दरिया के बाहर निकल गया। फिर शाम 5:00 बजे यहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। शाम 5:00 बजे पानी का जलस्तर 1,70,000 क्यूसेक था। इसके चलते पानी पानी का रुख बमियाल की ओर हो गया था। पानी बमियाल के चांदनी चौक तक पहुंच गया था। पुलिस चौकी, सब तहसील ऑफिस, बीडीपीओ ऑफिस, राधा स्वामी सत्संग भवन, अनाज मंडी, कम्युनिटी हॉल में पानी घुस गया था। हालांकि, इसके बाद सोमवार देर शाम से ही दरिया का पानी कम होना शुरू हो गया था।

गुज्जर समुदाय ने लगाया अनदेखी का आरोप

उधर, गुज्जर समुदाय की ओर से प्रशासन और सरकार पर अनदेखी का भी आरोप लगाया गया है। उनका कहना है कि एक तरफ तो सरकार और प्रशासन बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की स्थिति में लोगों को हर सहायता का भरोसा दिलाती है। कहा कि 15 अगस्त के दिन क्षेत्र में जिले के कई अधिकारी एवं हलके के नेता कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे। इसी दौरान दरिया का जलस्तर बढ़ गया। क्षेत्र में उपस्थित होने के बावजूद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी एवं नेता की ओर से दरिया के पानी से प्रभावित गुज्जर समुदाय के लोगों को मिलना भी मुनासिब नहीं समझा गया। उनके डेरे पानी की चपेट में आ चुके थे।


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