कबड्डी छोड़ बॉक्सिंग में अजमाए हाथ, वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता रजत Jalandhar News
एलपीयू में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा व बॉक्सर मंजू रानी ने रूस में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (महिला) में 40 किलोभार में रजत पदक जीता।
जेएनएन, जालंधर। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा व बॉक्सर मंजू रानी ने रूस में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप ( महिला) में 40 किलोभार में रजत पदक जीतकर देश के साथ-साथ यूनिवर्सिटी का नाम रोशन किया। ओलपिंक में मंजू रानी का रास्ता तय माना जा रहा है। इतिहास रचते हुए मंजू रानी ने पहले प्रयास में ही थाइलैंड की बॉक्सर को 4-1 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इसी चैंपियनशिप में वर्ल्ड चैंपियन मेरिकॉम ने कांस्य पदक हासिल किया है। फाइनल में मंजू रूस की बॉक्सर एकातेरिना पाल्तसीवा से पिछड़ गई। मंजू रानी कई खिताब अपने नाम कर चुकी है।
बता दें कि मंजू ने इसी वर्ष कर्नाटक में हुई सीनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण और बुलगारिया में वार्षिक टूर्नामेंट में रजत पदक जीता था। मंजू रानी इंडिया तथा थाईलैंड ओपन में कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी है। जनवरी में कर्नाटक में हुई तीसरा एलीट महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पाया था। एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल ने रजक पदक विजेता मंजू को बधाई देने के साथ-साथ जीवन में निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने पर प्रेरित किया। मंजू अमेरिका के प्रोफेशनल बॉक्सर व डब्ल्यूबीओ हेवी वेट टाइटल होल्डर लेमन ब्रूस्टर की तरह बनना चाहती है। वह यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप पर पढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कई खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर यूनिवर्सिटी का नाम रोशन कर रहे हैं।
पिता के दोस्त ने दिया बॉक्सिंग का प्रशिक्षण
मंजू रानी ने पहले कबड्डी खेलनी शुरू की थी। लेकिन व्यक्तिगत खेल में रूचि अधिक थी। पिता बीएसएफ में थे और वे मंजू को अंकल साहिब ¨सह के पास ले गए जो शहर में कई लड़कियों को बॉक्सिंग के गुर दे रहे हैं। जिससे वह शहर की लड़कियों से प्रभावित हुई। इसके बाद मंजू ने बॉक्सिंग का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया।
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