47 साल से गरीबों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रही है शहर की मानव सहयोग सोसायटी
गरीबों की सहायता के लिए साल 1973 में मानव सहयोग सोसायटी का गठन किया गया था। इसके बाद संस्था से हर वर्ग के लोग जुड़े और लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा मजबूत होने लगी।
जालंधर [जगदीश कुमार]। आज मंहगी सेहत सेवाएं गरीबों की पहुंच से बाहर हैं। लोगों को बेहतरीन सेवाएं मुहैया करवाना सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में मानव सहयोग सोसायटी लोगों को बेहतरीन सेहत सेवाएं मुहैया करवाने के अलावा बुजुर्गों की लाठी बन चुकी है।
मानव सहयोग सोसायटी की उपप्रधान, 'उम्मीद' संस्था की कार्यकारिणी कमेटी के चेयरपर्सन व पटेल अस्पताल की डायरेक्टर डॉ. सुषमा चोपड़ा ने बताया कि संस्था की ओर से 47 साल से मुफ्त व सस्ती सेहत सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। गरीबों की सहायता के लिए साल 1973 में मानव सहयोग सोसायटी का गठन किया गया था। इसके बाद संस्था से हर वर्ग के लोग जुड़े और लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा मजबूत होने लगी। शुरुआती दौर में डॉक्टर मरीजों की जांच करते थे और दवा विक्रेताओं को उन्हें दवा देने की बात की जाती थी। दवाइयों के बिल का भी संस्था ही भुगतान करती थी। इस समय संस्था की ओर से कोट किशन चंद, बस्ती शेख तथा लाडोवाली रोड पर चेरीटेबल डिस्पेंसरियां चल रही हैं।
इसके अलावा जिले में लांबड़ा, शाहपुर, भोजोवाल, फोकल प्वाइंट, काजी मंडी, राओ वाली उदयोपुर गांव गोद लिए हैं, जहां संस्था मोबाइल वैन डिस्पेंसरी ले जाकर गांव वालों की जांच-पड़ताल दवाइयां मुहैया करवाती है। साल में दस हजार मरीजों को सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।
बुजुर्गों की लाठी बनी संस्था
डॉ. चोपड़ा कहती हैं कि संस्था की ओर से पिछले साल सीनियर सिटीजन के लिए भी जियो जिंदगी डे केयर सेंटर स्थापित किया। यहां दिन में करीब 30 बुजुर्ग आते हैं और दिन भर मनोरंजन कर शाम को घर लौट जाते है। बुजुर्गों को योगा व कंप्यूटर एजुकेशन भी दी जा रही है। उन्हें फिल्में दिखाने के अलावा पार्टियां भी की जाती हैं। भविष्य में बुजुर्गों को आउटिंग के लिए भी ले जाएंगे।
कैंसर फाइटर्स के लिए बनी उम्मीद
डॉ. सुषमा चोपड़ा ने कैंसर से ग्रस्त व इलाज करवाने के बाद ठीक हो चुकी महिलाओं के लिए उम्मीद संस्था का गठन किया गया। इस संस्था में विभिन्न प्रकार के कैंसर पर जीत हासिल कर चुकी करीब 500 महिलाएं सदस्य हैं। इसकी कार्यकारिणी में डॉक्टरों को भी शामिल किया गया हैं। इनकी हर दो माह बाद बैठक और साल में वार्षिक समारोह का आयोजन होता हैं।
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