जालंधर में विकास प्रोजेक्टों के लिए सड़कें खोदी, न ट्रैफिक डायवर्ट, न सुरक्षा के इंतजाम; जनता परेशान
जालंधर में स्मार्ट रोड का काम वर्कशाप चौक से डाल्फिन होटल 120 फुट रोड और कपूरथला रोड पर शुरू होना है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के लिए यह सड़कें पहले ही खोदी हुई हैं। बिना प्लानिंग के एक साथ कई तरह के काम एक ही समय में शुरू किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट्स में लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम में ही तालमेल की कमी नहीं है, बल्कि पुलिस-प्रशासन से भी तालमेल नहीं किया गया है। खास कर सरफेस वाटर प्रोजेक्ट, बरसाती सीवरेज और स्मार्ट रोड जैसे प्रोजेक्ट, जो सीधे शहर की मुख्य सड़कों से जुड़े हैं और ट्रैफिक को प्रभावित कर रहे हैं। इन प्रोजेक्टों के लिए सड़कों को खोदा गया है, लेकिन इनके आसपास न तो सुरक्षा का इंतजाम किया गया है और न ही ट्रैफिक सुचारू रखने के लिए इंतजाम किए गए हैं। कई बार इन सड़कों पर गाड़ियां फंस चुकी हैं और लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है। इस समय स्मार्ट रोड का काम वर्कशाप चौक से डाल्फिन होटल, 120 फुट रोड और कपूरथला रोड पर शुरू होना है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के लिए यह सड़कें पहले ही खोदी हुई हैं। बिना प्ला¨नग के एक साथ कई तरह के काम एक ही समय में शुरू किए गए हैं। इस दौरान यहां ट्रैफिक किस तरह से सुचारू रहेगा इसके लिए न तो अफसरों ने प्ला¨नग की और न ही मेयर और विधायकों ने इसे रिव्यू किया है। शहर की पुरानी जीटी रोड पर वर्कशाप चौक से लेकर डाल्फिन चौक तक की सड़क को स्मार्ट रोड में बदला जा रहा है। सड़क की एक लेन पर काम चल रहा है और एक लेन से ही ट्रैफिक की आवाजाही हो रही है। यहां पर भी ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई है, लेकिन आवाजाही के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। पटेल चौक में इस समय काम चल रहा है, लेकिन न चौक में ट्रैफिक लाइट्स काम कर रही है और न ही यातायात पुलिस तैनात है। पटेल चौक के एक तरफ माई हीरां गेट, दूसरी तरफ डाल्फिन चौक, तीसरी तरफ कपूरथला चौक और चौथी तरफ वर्कशाप चौक है। यहां दिनभर भारी गिनती में ट्रैफिक रहता है। पटेल चौक के आसपास बड़ी गिनती में ट्रांसपोर्टर हैं। यहां से भारी वाहनों की आवाजाही भी रहती है और सर्विस लेन पर तो ट्रांसपोर्टरों का ही कब्जा है। शहर की लाइफ लाइन होने के कारण यहां डेवलपमेंट तो करवाई जा रही है, लेकिन लोगों को परेशानी न आए इसकी कोई प्ला¨नग नहीं हो रही। स्मार्ट रोड का जो हिस्सा बन चुका है वह भी लोगों के काम आने के बजाय ट्रांसपोर्टरों के ट्रकों की पार्किंग में इस्तेमाल हो रही है। 120 फुट रोड पर सबसे ज्यादा हालात खराब सबसे ज्यादा खराब हालात 120 फुट रोड के हैं। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट, स्मार्ट रोड और बरसाती सीवरेज के काम एक साथ चल रहे हैं। पूरी सड़क पर गहरे गड्ढे खोदे गए हैं। ट्रैफिक निकलने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। यह सड़क काफी चौड़ी है और एक लेन पर भी ट्रैफिक आराम से चल सकता है, लेकिन इसकी प्ला¨नग नहीं की गई। मेयर जगदीश राजा ने पिछले दिनों खुद मौके का जायजा लेकर गड्ढे भरवाए थे। कपूरथला रोड खोदी, एक लेन भी बंद होगी कपूरथला रोड पर सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के लिए पाइप लाइन डाली जा रही है। जल्दी स्मार्ट रोड का काम शुरू होगा और सड़क को एक तरफ से खोदना होगा। इसके लिए एक लेन बंद करनी पड़ेगी। यहां पर स्थिति इसलिए खराब हो सकती है, क्योंकि कपूरथला जाने के लिए वैकल्पिक रास्ते के तौर पर इस्तेमाल होने वाली लेदर कांप्लेक्स रोड भी इस समय खराब हालत में है। सुरक्षा और वैकल्पिक रास्ते के लिए आज रिव्यू मी¨टग करेंगे मेयर मेयर जगदीश राजा ने कहा कि प्रोजेक्टों पर काम शुरू करने से पहले अफसरों को वैकल्पिक मार्ग तैयार करना चाहिए। इन सभी सड़कों पर ट्रैफिक काफी होता है। सड़कें जब गहरी खोदी जानी हैं तो बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी कंपनियों को करनी चाहिए। सभी प्रोजेक्टों पर निगम कमिश्नर एवं सीईओ करनेश शर्मा से मी¨टग करके सुरक्षा व व्यवस्था के लिए निर्देश जारी होंगे। कोट्स पटेल चौक एरिया से ट्रांसपोर्ट की जाएं शिफ्ट पटेल चौक से वर्कशाप चौक तक रोड पर कई निजी ट्रांसपोर्ट कंपनियों का दफ्तर हैं, जिन्होंने सर्विस रोड से लेकर स्मार्ट रोड पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। शहर के अंदरुनी इलाके में चलाई जा रही इन ट्रांसपोर्ट को शहर के बाहरी इलाके में बने ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट किया जाना चाहिए। तभी लोगों की परेशानी दूर हो सकेगी। - मुनीश बाहरी, कारोबारी ----- स्मार्ट रोड पर भी ट्रकों का कब्जा पटेल चौक से लेकर वर्कशाप चौक रोड पर चलाई जा रही ट्रांसपोर्ट कंपनियों के ट्रक दिन भर सड़कों पर खड़े रहते हैं। इससे अक्सर यहां पर ट्रैफिक जाम रहता है। इसके अलावा सर्विस रोड पर भी दिन भर भारी वाहनों की पार्किंग राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन चुके है। जो स्मार्ट रोड बनाई है वह भी ट्रकों की पार्किग बन गई है। - राजेश ¨रकू, कारोबारी।