जानें कौन हैं महिमा, एक लेक्चर सुन जागी देशभक्ति और वह बन गईं भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट
इंडियन आर्मी में डायरेक्ट एंट्री के तहत सिविल इंजीनियरिंग फील्ड की लड़कियों के लिए सिर्फ तीन पदों पर चयन होना था। हजारों आवेदन आने के बाद सेना ने 7000 लड़कियों को शार्ट लिस्ट किया। इसमें महिमा ने पहला स्थान हासिल किया।
बरनाला [हेमंत राजू]। वर्ष 2017 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में कारगिल युद्ध में हैरतअंगेज बहादुरी दिखाने वाली वार वेटरन वशिका त्यागी लेक्चर दे रहीं थी। आडियंस में बैठी एक स्टूडेंट उनके लेक्टर से इतना प्रभावित हुई कि उसने उसी दिन भारतीय सेना में जाने का मन बना लिया। तीन साल बाद 21 साल की महिमा शार्ट सर्विस कमीशन में देश में पहला स्थान हासिल करके सेना में लेफ्टिनेंट बनने जा रही हैं। महिमा ने बताया कि उनका भारतीय सेना में जाने का सपना पूरा हुआ है। ट्रेनिंग के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट का रैंक मिलेगा।
पिता के साथ बरनाला में एक रिश्तेदार के घर पर आईं महिमा ने कहा कि आर्मी में ओवरआल डिवलपपेंट होती है। वहां जिंदगी जीने का नजरिया अलग होता है। वह आर्मी की एडवेंचरस लाइफ को लेकर काफी उत्साहित हैं और अब देश की सेवा करेंगी। उन्होंने अन्य लड़कियों को भी भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया।
सात हजार लड़कियों को पछाड़ पाया पहला रैंक
महिमा का चयन शार्ट सर्विस कमीशन वुमन टेक्निकल एंट्री 4 बैच के तहत हुआ है। इंडियन आर्मी में डायरेक्ट एंट्री के तहत सिविल इंजीनियरिंग फील्ड की लड़कियों के लिए सिर्फ तीन पदों पर चयन होना था। इन पदों के लिए हजारों आवेदन आए थे। इनमें से 7000 को शार्टलिस्ट किया गया था। महिमा ने कड़े मुकाबले के बाद आल इंडिया पहला रैंक हासिल किया।
पंजाब इंजीनियरिंग कालेज, चंडीगढ़ में की सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई
पंचकूला के अमरावती एंक्लेव की महिमा ने वर्ष 2020 में ही पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पेक), चंडीगढ़ से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। महिमा के पिता एनके सिंगला बिजली विभाग में चीफ ड्राफ्टमैन हैं जबकि मां प्रतिभा हरियाणा के टूरिज्म विभाग में आर्किटेक्ट हैं। बड़ा भाई मोहित आइटी फील्ड में हैं।
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