एलपीयू के विद्यार्थियों ने बनाई ई-परिरक्षक डिवाइस
एलपीयू के विद्यार्थियों ने स्मार्ट खेती प्रणाली तैयार की है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे विद्यार्थियों ने कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ाने को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिग्स (आइओटी) पर काम करने वाली स्मार्ट खेती प्रणाली तैयार की है। एलपीयू के महेंद्र स्वैन व वसीम अकरम ने बताया कि यह एक ऐसा डिवाइस है जो धरती की उर्वरक पर निगरानी रखेगा। धरती के तापमान व नमी पर नजर रखने को डिवाइस डिजाइन की है। डिवाइस द्वारा एकत्रित डाटा भविष्य की विश्लेषण के लिए क्लाउड में संग्रहित कर दिया जाएगा। ये रिसर्च यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ एलेक्टॉनिक्स एंड एलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की फैकल्टी के दो सदस्यों राजेश सिंह व अनीता गहलोत की देखरेख में की गई।
दोनों ने बताया कि इस डिवाइस का नाम 'ई-परिरक्षक' दिया गया है। डिवाइस को पेटेंट करवाने के लिए आवेदन कर दिया है। इस डिवाइस सिस्टम में कई सेंसर नोडल शामिल किए गए हैं। डिवाइस का प्रयोग करते हुए किसान खेत में सेंसर और एक्ट्यूएटर्स के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता, जल स्तर की आवश्यकता, मिट्टी के अस्थायी और मिट्टी की नमी की निगरानी कर सकते हैं। पानी के पंप, ब्लोअर और स्प्रिंकलर को नियंत्रित करने में सक्षम होगा। सिस्टम में डेटा का विश्लेषण होगा। इससे यह पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में सबसे अधिक उपयुक्त फसल है। फसल को उगाने के लिए कितना पानी, उर्वरक व कीटनाशक की मात्रा चाहिए। डिवाइस से फसल में होने वाली बीमारियों का पता लगाएगा
उपकरण फसल में होने वाली बीमारियों या संक्रमण का भी पता लगाएगा और किसान को उनके बारे में अपडेट करेगा। प्रणाली का उपयोग आधुनिक और पारंपरिक कृषि प्रथाओं दोनों के लिए किया जा सकता है। डिवाइस को इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता नहीं है। सिस्टम स्टार टोपोलॉजी के साथ 10 किलोमीटर की सीमा के भीतर काम करेगा। इसकी सीमा भी बढ़ाई जा सकती है।