'स्टार्टअप इंडिया पंजाब यात्रा' में एलपीयू तीन प्रोजेक्ट पुरस्कृत
'स्टार्टअप इंडिया पंजाब यात्रा' के माध्यम से 20 दिन की विस्तृत खोज लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) की प्रोजेक्ट पुरुस्कृत करने के साथ समाप्त हुई।
जासं, जालंधर : 'स्टार्टअप इंडिया पंजाब यात्रा' के माध्यम से 20 दिन की विस्तृत खोज लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) की प्रोजेक्ट पुरुस्कृत करने के साथ समाप्त हुई। मोहाली में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में हुए ग्रैंड फिनाले में सूचना प्रौद्योगिकी कैबिनेट मंत्री विजय इंदर ¨सगला तथा उद्योग और वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने एलपीयू के विद्यार्थियों को सम्मानित किया। एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल ने विद्यार्थियों और उनके प्रशिक्षकों को बधाई दी। पुरस्कार जीतने वालों में एलपीयू की टीमें 'दिगंतरा रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी', 'ग्रीन ऑन ग्रीन' और 'दहिया एग्रीकल्चरल टूल्स' शामिल हैं। एलपीयू स्टार्टअप स्कूल में सहायक निदेशक मनीष सैनी ने बताया कि विद्यार्थियों की 200 से ज्यादा उद्यमी परियोजनाएं हैं, जो परिसर में विभिन्न चरणों में काम कर रही हैं।
टीम दिगंतरा : स्पेस मलबे पर नजर रखेगा लो अर्थ ऑर्बिटस
टीम दिगंतरा रिसर्च एंड टेक्नोलोजी का लो अर्थ ऑर्बिट्स (एलईओ) प्रोजेक्ट अंतरिक्ष मलबे के ट्रै¨कग और विश्लेषण वाला आइडिया है। इसके माध्यम से वे स्पेस में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। इसके अंतर्गत स्पेस में मौजूद अंतरिक्ष यानों व प्रयोगशालाओं आदि से पैदा हुए मलबे पर नजर रखी जाएगी। साथ ही उनके संदर्भ में दी जा रही सेवाओं पर भी निगरानी रखी जाएगी।
टीम दहिया : चावल की पैदावार बढ़ाएगी पैडी प्लांटिंग मशीन
टीम 'दहिया एग्रीकल्चरल टूल्स' ने 'पैडी प्लां¨टग मशीन' के लिए पेटेंट अप्लाई किया है। यह मशीन ¨सचित चावल में पानी की कमी को दूर करने के लिए, उर्वरकों को जड़ों में भेजने के लिए और चावल की पैदावार के दौरान उत्पादित मीथेन गैस को भी नियंत्रित करने के लिए काम करेगी। इस परियोजना से चावल उत्पादन में 40 फीसद की वृद्धि और 30-35 फीसद पानी की बचत होगी।
टीम ग्रीन ऑन ग्रीन : किसानों का ट्रांसफोर्ट खर्च होगा कम
टीम 'ग्रीन ऑन ग्रीन' छोटे किसानों की सब्जियों को मार्के¨टग के स्थानों तक ले जाने के लिए 'इलेक्ट्रिक वाहन ट्रांसपोर्ट नेटवर्क' स्थापित करना चाहती है। दरअसल देश में लगभग 400 इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता हैं और 90 फीसद भारतीय किसान छोटे किसान हैं। एक छोटे किसान के लिए कृषि उत्पादों की इनपुट लागत का 70 फीसद ट्रांसपोर्ट खर्च ही है। नेटवर्क के माध्यम से किसानों का 80 फीसद के करीब ट्रांसपोर्ट खर्च कम हो सकता है।